देव गुरु बृहस्पति की महिमा और प्रसन्न करने के मंत्र

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देव गुरु बृहस्पति (Jupiter) हिन्दू धर्म में नवग्रहों में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रह माने जाते हैं। वे ज्ञान, धर्म, शिक्षा, सद्गुण, संतान, वैवाहिक सुख और गुरु तत्व के कारक हैं। इन्हें देवताओं के गुरु भी कहा जाता है।

🌟 देव गुरु बृहस्पति की महिमा:

  1. धर्म और ज्ञान के प्रतीक – बृहस्पति देव वेदों और शास्त्रों के ज्ञाता हैं। उन्हें ब्रह्मा का मानस पुत्र माना जाता है।

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  2. गुरु का स्थान – हर गुरु में बृहस्पति का अंश माना जाता है, इसलिए शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में सफलता के लिए इनकी कृपा आवश्यक होती है।

  3. वैवाहिक जीवन और संतान – अगर किसी की कुंडली में संतान सुख या वैवाहिक जीवन में समस्या हो तो बृहस्पति की शांति और कृपा से समाधान मिल सकता है।

  4. सकारात्मक ऊर्जा – इनकी कृपा से जीवन में सद्गुण, संयम, सत्य और धर्म की ओर झुकाव आता है।

📿 देव गुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के उपाय और मंत्र:

🕉 मुख्य मंत्र:

“ॐ बृं बृहस्पतये नमः”
इस मंत्र का रोज़ 108 बार जाप करें। गुरुवार को विशेष लाभ होता है।

📜 वेद मंत्र (बृहस्पति गायत्री मंत्र):

“ॐ अंगिरस पुत्राय विद्महे। वाचस्पत्याय धीमहि। तन्नो बृहस्पतिः प्रचोदयात्॥”

यह मंत्र बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।

🔱 अन्य प्रभावशाली मंत्र:

देवानां च ऋषीणां च गुरुं कांचनसन्निभम्।

बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्॥

जो देवताओं और ऋषियों के गुरु हैं,कंचन के समान जिनकी प्रभा है,जो बुद्धि के अखण्ड भण्डार और तीनों लोकों के प्रभु हैं,उन बृहस्पति को मैं प्रणाम करती हूँ।


🙏 बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के सरल उपाय:

  1. गुरुवार को व्रत रखें – पीला वस्त्र पहनें, पीली चीज़ों का दान करें (चना दाल, हल्दी, पीला फल आदि)।

  2. गुरु की सेवा करें – अपने जीवन में सच्चे गुरु की सेवा करना बृहस्पति को प्रसन्न करता है।

  3. गौ सेवा – गाय को गुरुवार को चने की दाल और गुड़ खिलाएं।

  4. धार्मिक ग्रंथ पढ़ें – विशेषकर श्रीमद्भागवत, गीता आदि।

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