मेष राशि में जन्म लेने वाले जातकों में पेट के विकार, रक्तचाप, शीश रोग व गुर्दे के रोग होते रहते हैं। बीमारियों व संकटों से बचे रहने के लिए इन्हें तीन मुखी रुद्राक्ष को छोड़कर कोई भी अन्य रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होता है। इससे इस राशि के जातकों के उग्र स्वभाव में नरमी आ जाएगी।
वैसे मंत्र सिद्ध चैतन्य 14 मुखी रुद्राक्ष या पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से इनको शीघ्र लाभ होता है, इनका भाग्योदय होता है, अतः इन्हें 14 मुखी रुद्राक्ष या पंचमुखी रुद्राक्ष ही धारण करना चाहिए। हालाकि यह तीन मुखी रुद्राक्ष को छोड़कर कोई भी अन्य रुद्राक्ष धारण करें तो इन्हें लाभ प्राप्त होता है।
धर्म शास्त्रों में विशेष रूप से उल्लेखित है कि रुद्राक्ष का बिना अभिमंत्रित किए नहीं धारण करना चाहिए, क्योंकि बिना अभिमंत्रित किए रुद्राक्ष धारण करना व्यर्थ ही रहता है। उससे किसी कार्य की सिद्धि नहीं होती है। कोई मनोकामना नहीं पूरी होती है। विशेषकर पुराणों में रुद्राक्ष को धारण करने से पूर्व इसे अभिमंत्रित करने का विधान है।
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