मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। इसके दर्शन शहरी क्ष्ोत्रों में आम तौर पर सुलभ नहीं होते हैं। यदा-कदा ही इन्हें शहर की आबादी वाले इलाकों में देखा जाता है। मोर जंगलों, शहरों के दूर-दराज के क्ष्ोत्रों में अक्सर देखा जाता है। मोर एक अत्यन्त खूबसूरत पक्षी है। यह भगवान कार्तिकेय का वाहन माना जाता है और भगवान श्री कृष्ण के मस्तक पर शोभा पाता है। मोर एक अति पवित्र पक्षी माना जाता है। सर्पों से इसकी शत्रुता जगजाहिर है।
मोर अपनी मादा के साथ सम्भोग नहीं करता है, जबकि संसार का प्रत्येक नर जीव अपनी मादा के साथ सम्भोग करता है। इसी पवित्रता के कारण तांत्रिक इसके पंखों का झाड़न बनाकर अभिमंत्रित कर रोगादि का झाड़ा करते हैं। जिस घर में मोर के पंख रहते है, उस घर में सर्प प्रवेश नहीं करते हैं। आइये अब जानते हैं, मोर से सम्बन्धित शकुन-अपशकुन के बारे में। प्रवास कर रहे व्यक्ति को मोर देखकर एक बार बोलता है तो धन की प्राप्ति होती है। दो बार बोलता है तो स्त्री सुख, तीन बार बोलता है तो कार्य सिद्ध हो जाता है। भूख से पीड़ित होकर या डर कर और बाईं ओर आकर बोलता है तो प्रवास कर रहे व्यक्ति को मिष्ठान की प्राप्ति होती है। मोर एक ऐसा पक्षी है, जो अति पवित्र माना जाता है और इससे सम्बन्धित शकुन-अपशकुन भी अत्यन्त प्रभावी माने जाते हैं।