यरूशलम, 14 अप्रैल (एजेंसी)। इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के 250 से अधिक पूर्व अधिकारियों ने ग़ाज़ा में जारी संघर्ष की समाप्ति और इजरायली नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार को संयुक्त पत्र जारी किया है।
पत्र पर तीन पूर्व मोसाद प्रमुख डैनी याटोम, एफ्राइम हलेवी और तामीर पार्डो, सहित खुफिया सेवा (मोसाद) के 12 से अधिक अनुभवी अधिकारियों ने भी हस्ताक्षर किए हैं। इन पूर्व मोसाद अधिकारियों ने अपने बयान में कहा, “जारी लड़ाई बंधकों और हमारे सैनिकों की जान को खतरे में डाल रही है। पीड़ा समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह साहसिक निर्णय ले और देश की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी से कार्य करे।”
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इन पत्रों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने इन पत्रों पर हस्ताक्षर करने वालों को चरमपंथी अल्पसंख्यक समूह करार दिया , जो इजरायली समाज को अंदर से तोड़ने की कोशिश कर रहा है।
पत्र को 200 इजरायली सैन्य डॉक्टरों की ओर से दायर एक अन्य याचिका द्वारा भी समर्थन मिला, जिसमें मांग की गई कि संघर्ष को रोका जाए और बंधकों को वापस लाया जाए। पत्र में कहा गया, “ग़ाज़ा में जारी लड़ाई का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक और व्यक्तिगत हितों की पूर्ति है, इसका कोई वास्तविक सुरक्षा उद्देश्य नहीं है। यह न केवल सैनिकों और बंधकों की जान को खतरे में डालती है, बल्कि युद्ध के आरंभ में घोषित लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी कोई मदद नहीं करती। यह लड़ाई इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) के सैनिकों और उन नागरिकों की ज़िंदगी को खतरे में डाल रही है जो बंधक बनाए गए हैं।”
ये दो नए पत्र पहले से ही मौजूद दो पत्रों के अतिरिक्त हैं, जिन पर अनुभवी पायलटों और यूनिट 8200 के अनुभवी सैनिकों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिन्हें क्रमशः मंगलवार और शुक्रवार को सार्वजनिक किया गया था।