मध्य प्रदेश को प्राचीन मंदिरों और शक्तिपीठों के बारे में बताने जा रहे हैं। मान्यता है कि माता के इन मंदिरों पर जाने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
हरसिद्धि देवी शक्तिपीठ
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित हरसिद्धि देवी शक्तिपीठ की मान्यता बेहद प्रचलित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यहां पर माता सती की कोहनी गिरी थी। यह शक्तिपीठ रुद्र सागर तालाब के पश्चिमी तट पर स्थित है। माना जाता है कि माता दिन में गुजरात और रात को उज्जैन में निवास करती हैं।
शोण नर्मदा शक्तिपीठ
मध्य प्रदेश के अमरकंटक में स्थित शोण नर्मदा शक्तिपीठ है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यहां पर माता सती का दायां नितंब गिरा था। यह शक्तिपीठ नर्मदा नदी का उद्गम माना जाता है। इसलिए भक्तजन देवी मां की नर्मदा के रुप में पूजा-अर्चना करते हैं। इस शक्तिपीठ को शोणाक्षी शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर माता की मूर्ति पर सुनहरा मुकुट और चांदी का चबूतरा देखकर आप खुश हो जाओगे। इस मंदिर तक आपको पहुंचने के लिए 100 सीढ़िया चढ़नी पड़ती है।
मैहर माता मंदिर
नवरात्रि के दौरान आप मध्य प्रदेश के इस लोकप्रिय मंदिर का दर्शन जरुर करें। एमपी के सतना जिले में त्रिकुट पहाड़ी पर मैहर माता विराजित है। नवरात्रि के समय में यहां काफी भीड़ देखने को मिलती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यहां पर माता सती हार गिरा था। मैहर माता मंदिर पहुंचने के लिए भक्तों को 1063 सीढ़िया चढ़नी पड़ती है। इस मंदिर में जाने के लिए भक्तो के लिए रोपवे सेवा भी मौजूद है।
पीतांबरा पीठ
मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित मां पीतांबरा का मंदिर काफी लोकप्रिय है। यहां पर मां बगलामुखी को पीतांबरा रुप में पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्र में यहा विशेष पूजा का भी आयोजन होता है। इतना ही नहीं, इस मंदिर में महाभारत काल का वनखंडेश्वर महादेव मंदिर और धूमावकी माता का मंदिर भी है।