naakoda paarshvanaath mandir : naakoda gaanv mein shreepaarshvanaath kee pratima pratimaनाकोडा पार्श्वनाथ : राजस्थान में लूनी – पुनाकाव लाइन पर बालोतरा स्टेशन है। वहां से 6 मील पर पहाड़ों पर यह स्थान है। ग्यारहवीं शताब्दी में नाकोडा नामक छोटे से गांव में भूमि खोदते समय श्रीपार्श्वनाथ की मनोहर प्रतिमा मिली और मंदिर बनवाकर उसे स्थापित किया गया था। अब यहां एक विशाल घेरे में तीन भव्य जैन मंदिर हैं और चार भूमिगृह हैं। पास ही एक सुंदर शिव मंदिर है। इस तीर्थ के प्रमुख देवता भैरवजी हैं। उनकी पूजा करने के लिए सभी श्रद्धालु भेद – भाव छोड़कर आते हैं। बालोतरा स्टेशन पर जैन धर्मशाला है और तीर्थस्थान में भी है। बालोतरा से नाकोडा तक सड़क है। सवारियां आती हैं। पौष कृष्ण नवमी से एकादशी तक मेला लगता है।
राजस्थान में लूनी – पुनाकाव लाइन पर बालोतरा स्टेशन है। वहां से 6 मील पर पहाड़ों पर यह स्थान है। ग्यारहवीं शताब्दी में नाकोडा नामक छोटे से गांव में भूमि खोदते समय श्रीपार्श्वनाथ की मनोहर प्रतिमा मिली और मंदिर बनवाकर उसे स्थापित किया गया था। अब यहां एक विशाल घेरे में तीन भव्य जैन मंदिर हैं और चार भूमिगृह हैं। पास ही एक सुंदर शिव मंदिर है। इस तीर्थ के प्रमुख देवता भैरवजी हैं। उनकी पूजा करने के लिए सभी श्रद्धालु भेद – भाव छोड़कर आते हैं। बालोतरा स्टेशन पर जैन धर्मशाला है और तीर्थस्थान में भी है। बालोतरा से नाकोडा तक सड़क है। सवारियां आती हैं। पौष कृष्ण नवमी से एकादशी तक मेला लगता है।