“परमात्मा हमारे हृदय में सदा प्रकाशित रहे”
परमात्मा सब देवों में श्रेष्ठ और बलवान है।
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वह परमात्मा सूर्यलोक, प्राण, अपान और अग्नि का भी प्रकाशक है।
जो परमात्मा अंतरिक्ष और पृथिवीलोक में व्यापक है, वही जड़ और चेतन जगत् का आत्मा अर्थात् जीवन है।
हम प्रार्थना करते हैं कि चराचर जगत् का प्रकाशक वह परमात्मा हमारे हृदय में सदा प्रकाशित रहे।
(यजुर्वेद 7.42)
प्रस्तुतकर्ता मनमोहन आर्य
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