मृणाल ठाकुर कहती हैं, जर्सी में लोग एक औरत के अलग-अलग पहलू देखेंगे

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नई दिल्ली। देखिए जर्सी का वल्र्ड टेलीविजन प्रीमियर 25 सितंबर को सुबह 11 बजे, सिर्फ ज़ी सिनेमा पर।

– हमने आपको अलग-अलग भूमिकाओं, खासतौर पर दमदार फीमेल कैरेक्टर्स में देखा है। आप अपने रोल्स कैसे चुनती हैं? अपने किरदारों में आपको क्या आकर्षित करता है?

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एक एक्टर होने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हमें अपनी फिल्मों के जरिए कई कहानियों को जीने का मौका मिलता है और मैं इसका सबसे बढिय़ा इस्तेमाल करना चाहती हूं। मैं पूरी सादगी से बहाव के साथ बहने में यकीन रखती हूं। लेकिन मैं सिर्फ एक पत्नी या एक गर्लफ्रेंड का रोल नहीं निभाना चाहती। मैं एक प्रोफेशनल बनना चाहती हूं। जब भी मैं अपने रोल्स का चुनाव करती हूं तो मैं स्क्रिप्ट और उन दिलचस्प चुनौतियों को देखती हूं, जिनका सामना मुझे रोल की तैयारी करते समय करना होता है। हमारी परफॉर्मेंस सिर्फ मेकअप या कपड़ों से नहीं संवरती बल्कि हम किस तरह अपने किरदार से जुड़ते हैं, यह बात मायने रखती है। मैंने जितने भी रोल निभाए हैं, वो किसी ना किसी पेशे से जुड़े हैं – मैंने एक पत्रकार, डॉक्टर और रिपोर्टर की भूमिकाएं निभाई हैं और अब जर्सी में मैं एक रिसेप्शनिस्ट हूं। यह सभी किरदार आत्मनिर्भर हैं। मैं स्क्रिप्ट में सिर्फ कॉन्टेंट देखती हूं और मैं ऐसी फिल्मों का हिस्सा बनना चाहती हूं, जिसे दुनिया भर के दर्शक याद रखें।

– जर्सी में विद्या के किरदार के बारे में बताएं? इस किरदार में आपको क्या खासियत नजर आई?
विद्या एक ऐसा किरदार है, जो मैंने पहले कभी नहीं निभाया है। आपने अब तक मुझमें जो भी देखा है, यह रोल उन सबसे अलग है। मुझे अपने किरदारों के साथ प्रयोग करना पसंद है। इस फिल्म में मैंने एक ऐसी आत्मनिर्भर औरत का रोल निभाया है, जो अपनी शर्तों पर जि़ंदगी जीती है। जर्सी में लोग एक औरत के अलग-अलग पहलू देखेंगे कि कैसे वो एक मां, एक पत्नी, एक गृहिणी और सबका सहारा बन सकती है। ह्यूमन ड्रामा मुझे सबसे ज्यादा आकर्षित करता है और मुझे खुशी है कि मैं ऐसे रोल निभा सकती हूं। विद्या एक सशक्त किरदार है, जो अपने परिवार का ख्याल रखने में सक्षम है। इस मामले में मैं इस फिल्म से जुड़ सकती हूं।

– शाहिद कपूर के बारे में कुछ खास बातें बताना चाहेंगी? उनके साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
शाहिद बड़े प्यारे हैं और हमेशा कुछ ना कुछ कारनामे और मस्ती करते रहते हैं। यदि सेट पर तनाव का माहौल हो या कोई खुश ना हो, तो शाहिद उस इंसान को बेहतर महसूस कराते हैं और उसके चेहरे पर मुस्कान ले आते हैं। यह उनकी सबसे बड़ी खासियत है। वो लोगों का दिमाग पढ़ लेते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं शाहिद जो किरदार निभा रहे होते हैं, उसी में ढल जाते हैं। लेकिन मैंने उनसे एक बात सीखी है, जिसे मैं हमेशा याद रखूंगी कि सेट पर किस तरह चीजों पर गौर करें और उसे अपनाएं। इस फिल्म के दौरान मैंने यह जाना है कि छोटी से छोटी चीज पर ध्यान देना कितना जरूरी होता है क्योंकि चाहे वो शॉट्स हो या डबिंग, ऐसे बहुत-से छिपे हुए पहलू होते हैं, जो आपको बहुत कुछ सिखाएंगे।

– शूटिंग के दौरान कौन-सी मजेदार बातें हुईं?
इस फिल्म को बनाने की पूरी प्रक्रिया बड़ी दिलचस्प थी। लेकिन यदि मैं किसी एक घटना के बारे में बताऊं तो वो शायद तब की होगी, जब मुझे शाहिद कपूर को थप्पड़ मारना था। मैं बहुत नर्वस थी और मैं इसे बिल्कुल भी नहीं कर पा रही थी। लेकिन शाहिद बड़े स्वीट इंसान हैं। उन्होंने मुझे एक टिप दी! उन्होंने मुझसे कहा कि मैं अपने सभी एक्स बॉयफ्रेंड्स के बारे में सोचूं और फिर उन्हें थप्पड़ मारूं। यह तरीका आश्चर्यजनक रूप से काम कर गया!

– इस फिल्म से आपने क्या हासिल किया? आपके हिसाब से जर्सी में एक जीवनसाथी का रोल निभाना किस तरह खास रहा?
जर्सी से मैंने सीखा है कि जो भी आपका दिल चाहता है, उसे हासिल करने के लिए कभी देर नहीं होती और जि़ंदगी में सिर्फ जि़ंदा ना रहें बल्कि खुलकर जिएं। देखिए जर्सी का वल्र्ड टेलीविजन प्रीमियर 25 सितंबर को सुबह 11 बजे, सिर्फ ज़ी सिनेमा पर।

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