फलों का सेवन कब और कैसे किया जाए-
1- खाली पेट फल खाने से फलों का पूरा लाभ मिलता है। माना जाता है कि सुबह फलों का सेवन उत्तम होता है, दोपहर को मध्यम और रात्रि को बहुत ही कम लाभदायक होता है।
2- जिस मौसम में जो फल उत्पन्न होते हैं और बाजार में बहुत मात्रा में उपलब्ध होते हैं, उस समय वही फल खाने चाहिए, क्योंकि प्रकृति के अनुरूप ही उस मौसम में फल उगते हैं।
3- रोगी को दिनभर में तीन बार फल देना उचित होता है, सुबह, दोपहर और शाम के समय।
4- एक समय में एक ही प्रकार के फल का सेवन करना चाहिए। फलों को अकेले ही खायें, तभी इनसे पूरा लाभ उठा सकते हैं। अनेक फलों को मिलाकर बनाई गई चाट स्वाद के लिए है, स्वास्थ्य लाभ के लिए नहीं।
5- अमरूद, नाशपाती, सेब आदि फल छिलके सहित खायें।
6- शीत ऋतु में रसदार फलों का सेवन उत्तम है। ध्यान रखें, इन्हें धूप में बैठकर खायें। नारंगी या सन्तरा ठण्डा, तन और मन को प्रसन्नता देने वाला है। उपवास और सभी रोगों में नारंगी दी जा सकती है। जिनकी पाचन शक्ति खराब हो, उनको नारंगी का रस तीन गुने पानी में मिलाकर देना चाहिए।
नारंगी प्रातः भूखे पेट या खाना खाने के पाँच घण्टे बाद सेवन करने से सर्वाधिक लाभप्रद है। एक व्यक्ति को एक बार में एक या दो नारंगी लेना पर्याप्त है। नारंगी में विटामिन ‘ सी ‘ प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। एक व्यक्ति को जितने विटामिन ‘ सी ‘ की आवश्यकता होती है वह एक नारंगी प्रतिदिन खाते रहने से पूर्ति हो जाती है। इसे खाते रहने से संक्रामक रोगों से बचाव होता है और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। उपवास में नारंगी खाने व रस पीने से बहुत लाभ होता है।