प्रभावहीन होते हैं ये शकुन- अपशकुन

1
1570

जिन्हें हम शकुन या अपशकुन मानने है, वह वास्तव में प्रभावहीन होते हैं। आइयें, जानते हैं, वह कौन से संकेत हैं, जिन्हें प्रभावहीन माना जाए, अर्थात उन्हें न तो शकुन माना जाए और न ही अपशकुन। इसे लेकर जो भ्रम हैं, उन्हें हम दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। उम्मीद है आपके लिए ये मददगार साबित होगा। आइये जाने इनके बारे में संक्ष्ोप में-

1- कोई पशु-पक्षी या मानव जब प्राकृतिक रूप से चेष्टा करता है, तभी शकुन या अपशकुन की श्रेणी में आता है। प्रत्यत्न पूर्वक किया गया कोई भी कार्य शकुन या अपशकुन रूप न समझें।
2- खाने के लिए उद्यत जीव का शकुन न माने। जिसे प्रभावहीन माना जाए, अर्थात उन्हें शकुन न माना जाए।
3- यदि कोई व्यक्ति गधा-गधी को मैथुनरत देखता है तो उसे अपनी इच्छानुसार फल प्राप्त होता है।
4- खाली घड़ा अशुभ माना जाता है, लेकिन यह पीछे हो तो अशुभता का नाश करता है।
5- रोग आदि या भय से जीव के चिल्लाने को शकुन या अपशकुन न मानें।
6- कोई भीड़ कहीं जा रही हो तो अशुभ शकुन का प्रभाव उस भीड़ के मुख्य व्यक्ति पर ही पड़ता है, श्ोष जन अशुभता को प्रभावहीन समझें।
7- घर आदि का निर्माण करने के लिए तिनका ले जाते जीव का शकुन न माना जाए।
8- विश्राम कर रहे जीव का शकुन न मानें।
9- किसी एक छींक के बाद दूसरा भी छींके या कई लोग छींके के शकुन को प्रभावहीन समझें।
1०- समीप के शकुन ही अपना प्रभाव प्रकट करते हैं, अत: दूर का शकुन व्यर्थ ही माने।
11- ठंड के लगने पर छींके हो तो प्रभावहीन मानें।
12- नदी, नहर या तालाब के पार का शकुन न मानें।

Advertisment

यह भी पढ़ें –पवित्र मन से करना चाहिए दुर्गा शप्तशती का पाठ

यह भी पढ़ें –नवदुर्गा के स्वरूप साधक के मन में करते हैं चेतना का संचार

यह भी पढ़ें –भगवती दुर्गा की उत्पत्ति की रहस्य कथा और नव दुर्गा के अनुपम स्वरूप

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here