1- उत्तम किस्म का गोमेद जड़ित राहु यंत्र गले में धारण करना लाभदायक रहता है।
2- शिव जी पर बिल्वपत्र चढ़ाये व शिव मंदिर के नियमित दर्शन करें। शिव जी पर धतूरे के पुष्प चढ़ाये।
3- द्बादशभावस्थ शनि + राहु के कुप्रयोग से खोई हुई वस्तुएं या हानि के लिए कार्तवीर्यार्जुन मंत्र का प्रयोग अभीष्टप्रद रहता है।
4- राहु को प्रसन्न करने के लिए गोमेद युक्त राहु यंत्र लॉकेट में धारण करना श्रेयस्कर होता है।
5- राहुकृत प्रेत बाधा या अभिचार सुरक्षा के लिए मंत्र सिद्ध चैतन्य नृसिंह कवच अपने गले में आवश्य धारण कीजिए।
यह भी पढ़े- इस मंत्र के जप से प्रसन्न होते हैं राहु, जाने राहु की महिमा
6- राहु मंत्र का जप-हवन और भार्गव ऋषि प्रणीत लक्ष्मी-हृदय का पाठ कीजिए। साथ ही शनि का व्रत कीजिए, क्योंकि शनिवट् राहु प्रसिद्ध होता है।
7- राहु शांति के लिए बटुक भैरव का प्रयोग भी लाभकारी होता है।
8- सुयोग स्थान से प्राप्त मंत्र सिद्ध चैतन्यवान छिन्नमस्ता मां के यंत्र की उपासना अत्यन्त चमत्कारी फलदायी मानी जाती है।
9- राहु पीड़ा की विश्ोष शांति के लिए बला, कूठ, लाजा, मूसली, नागरमोथा देवदार, सरसों, हल्दी, लोध व सरपंख मिलाकर आठ मंगलवार तक स्नान कीजिए।
1०- अगर राहु के कारण संतान में बाधा आ रही हो तो सर्प के श्राप के कारण् ही ऐसा हुआ है। ऐसे जातक को राहु के वेदोक्त मंत्रों के 18००० बार जप करते हुए घर में नागपाश यंत्र का नित्य पूजन करना चाहिए। जरूरतमंद लोगों को काले भूरे कम्बल का दान करना चाहिए। बुधवार का व्रत रखना चाहिए।
यह भी पढ़ें – जानिये रत्न धारण करने के मंत्र
11- राहु के सभी अरिष्टों के शमनार्थ असुरमर्दिनी भगवती दुर्गा की सविधि उपासना और श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ कीजिए। विशेष कष्टकारक स्थिति में शतचंडी अनुष्ठान और हवन करना चाहिए।
12- नाग पंचमी को शुद्ध चांदी की नागदेव की मूर्ति बनवाकर उसे उसे पूजा स्थान पर स्थापित कीजिए और हल्दी, कुमकुम, नैवेद्य आदि से पूजन कीजिए। कार्य हो जाने पर उसे ठंडा कर दें।
13- राहु पीड़ा नाग श्राप से सम्बन्धित रहती है, इसलिए शुद्ध चांदी में नागदेव की मूर्ति बनवाकर उसकी विधिवत् पूजा करके दान देना चाहिए।
14- श्रावण में प्रति सोमवार को लघुरुद्र पाठ कीजिए।
15- नवनाथ के तेरह विधिपूर्वक परायण कीजिए।
16- पंचधातु में गोमेद धारण कीजिए। गोमेद के अभाव में सिक्का धारण कीजिए।
17- झूठी गवाही न दें और झूठ न बोले। गबन न करें। सुसुराल से अच्छे सम्बन्ध रख्ों।
यह भी पढ़े- गोमेद कब व कैसे करें धारण, जाने- गुण, दोष व प्रभाव
17- हरिवंश पुराण के अनुसार जातक को पराई कन्या का दान संकल्पपूर्वक करने से पुत्र लाभ होता है।
19- राहु उच्च का हो तो राहु की चीजों को दान न दें। राहु यदि नीच का हो तो राहु की चीजों का दान न लें।
2०- घर या आंगन में गोबर, लकड़ी आदि से धूंआ न जलाएं और रसोई में चिमनी न रखे।
its chargeable?