रक्तशोधक, चर्म रोग – नित्य प्रातः तथा शाम को नीबू पानी पियें। चर्म रोग वाले अंगों पर नीबू रगड़कर स्नान करें। लाभ होगा। दो करेले पीसकर इसकी लुगदी पतले कपड़े में लेकर निचोड़कर, रस निकालकर इसमें आधा नीबू निचोड़ें, तीन चम्मच पानी डालकर मिलाकर पियें। इससे रक्त साफ होकर फोड़े फुंसी ठीक हो जाते हैं।
रक्तशुद्धि- नीबू रक्त शुद्ध करता है। नीबू को गर्म पानी में निचोड़कर दिन में नित्य तीन बार पीना चाहिए। पानी चाय की तरह गर्म होना चाहिए। रक्त सम्बन्धी अधिकांश दोष पाचन सम्बन्धी गड़बड़ियों के कारण ही उत्पन्न होते हैं। प्रतिदिन नीबू गर्म पानी में निचोड़कर पीने से कब्ज़ पूर्णत : नष्ट हो जाता है। शरीर के पाचन तंत्र के नियमित काम करने से भोजन आसानी से पचता है और रक्त वृद्धि होती है।
दाद ( Eczema )- दाद को खुजलाकर दिन में चार बार , चार सप्ताह नीबू का रस लगाने से वह ठीक हो जाता है।
हाथों , अंगुलियों में खुश्की हो- हथेलिया खुरदरी, त्वचा खुरदरी हो, फटती हो तो नीबू का रस व चीनी 1-1 चम्मच मिलाकर हाथों में मलें, आपस में रगड़ें। इससे त्वचा की गर्मी निकल जायेगी, त्वचा मुलायम हो जायेगी, खुजली नहीं चलेगी।
फोड़े – फुंसी, पेट खराब होने पर अदरक, नीबू, सेंधा नमक तीनों का मिश्रित अर नित्य सुबह – शाम खाने से लाभ होता है।
चर्म रोग– नीबू चर्म को साफ करता है। चर्म के समस्त रोग फोड़ा – फुंसी, दाद, खाज आदि में नींबू का रस लगाने या नीबू को पानी में निचोड़कर धोने, नहाने से लाभ होता है। प्रातः दो नीबू पानी में निचोड़कर नित्य पीने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। कान से पीप निकलना और नासूर भी ठीक हो जाते हैं। इस प्रयोग में गुड़ , शक्कर , दालें न खायें।
raktashodhak, charm rog, daad ( aichzaim ) aur phode honge
Blood purifier, skin diseases, herpes (eczema) and boils will be cured