रीठे का वृक्ष काफी बड़ा होता है, जो कि कभी – कभी 20 फुट से लेकर 30 फुट तक ऊँचा होता है । इसके पत्ते कुछ पीलापन लिये हुये होते हैं, जो कि 6 इंच से लेकर 18 इंच तक के हो सकते हैं । इस पर मई के महीने के आस – पास फल लगते हैं जो पकने पर भूरे रंग के हो जाते हैं । यह फल बाजार में पंसारी आदि की दुकान पर आसानी से मिल जाता है ।
आयुर्वेदिक गुण
यह- लघु , स्निग्ध , तीक्ष्ण , उष्ण वीर्य , रेचक , कृमिघ्न , विषनाशक होता है । यह- सिर – दर्द , हिस्टीरिया , मूर्छा आदि में भी लाभकर रहता है । गर्म स्वभाव वाले लोगों को रीठा नुकसान पहुंचाता है ।
तान्त्रिक प्रयोग
दृष्टि – दोष दूर करने के लिये- जबकि रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र हो तो रीठे के फल छेद करके उसे दृष्टि – दोष से ग्रसित बच्चे को पहना दें । इससे धीरे – धीरे लाभ होना प्रारम्भ हो जाता है और उस बच्चे की दृष्टि में सुधार होने लगता है । लेकिन उस बच्चे को उचित मात्रा में पौष्टिक भोजन ( जैसे- दूध , मक्खन , मौसम के अनुसार फल इत्यादि ) भी अवश्य खिलाना चाहिये ।