रेणुका सिद्धपीठ ( माहुरगढ़ ): दर्शन पूजन से मिलाती है दैवीय कृपा

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renuka siddhapeeth ( maahuragadh ): darshan poojan se milaatee hai daiveey krpaरेणुका सिद्धपीठ ( माहुरगढ़ ): रेणुका सिद्धपीठ ( माहुरगढ़ ) महाराष्ट्र की पावन सिद्धपीठ है।  स्थानीय विद्वान् इस पावन धाम को  महाराष्ट्र की एक शक्तिपीठ मानते है, जो नांदेड़ जिले में स्थित है। इस पीठ को महाकाली – पीठ भी कहते हैं। क्योंकि सप्तशती के प्राथमिक रहस्य में महाकाली के दस नामों में एकवीरा नाम भी आता है। रेणुका का स्वरूप एकवीरा का ही है। यह परशुराम की जननी हैं। इसी आधार पर इस स्थान को मातापुर या माहुरीपुर भी कहा जाता है। इस सिद्धपीठ से भगवान दत्तात्रेय का संबंध है, क्योंकि वह यहीं नित्य भोजन करते हैं।

रेणुका सिद्धपीठ ( माहुरगढ़ ) मंदिर का उल्लेख

माता रेणुका का मुख उषा के वर्ण का है। इसी से वह उदितिमुखा कही गईं। उनका मूल स्वरूप अदिति का है, जिन्हें देवमाता कहा जाता है, वह स्वयं ही अनादि शक्ति स्वरूपिणी हैं। पति परम शिव हैं, पुत्र विष्णु के अवतार। स्थानीय मान्यता के अनुसार , यहां सती के स्तनद्वय का निपात हुआ था। हालाकि यह धाम 51 शक्तिपीठ में नहीं शामिल है। इस धाम के जो भक्त श्रद्धा से दर्शन पूजन करता है,उसे दैवीय कृपा प्राप्त होती है ।

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यात्रा मार्ग

नांदेड़ एक मुख्य रेल स्टेशन है, जहां से कमवट तहसील में माहुरगढ़, माहुर गांव से डेढ़ किलोमीटर पर यह शक्तिपीठ स्थल है। यहां बस या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है। ठहरना नांदेड़ में ही उचित है।

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