शनि देव न्याय के देवता है। वे मनुष्य के दुष्कर्मों का दंड व सद्कर्मों का उपहार प्रदान करते हैं। विशेष तौर पर शनि की साढ़ेसाती चल रही हो तो दुष्कर्मों में लिप्त मनुष्य का जीवन दुष्कर बन जाता है। प्रारब्ध के कर्मों को सुधारना तो हमारे हाथ में नहीं है, हां वर्तमान जीवन के कर्मों को सुधार कर हम शनि देव की कृपा तो प्राप्त कर ही सकते है। शनि की कृपा यदि किसी जातक को प्राप्त हो जाती है तो जातक साढ़ेसाती का दौर भी सहजता से पार कर लेता है।
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शनि देव को प्रसन्न करने के आसान उपाय हम आपको बताने जा रहे है। हर शनिवार की रात्रि में मंत्रसिद्ध चैतन्य काले अकीक की माला से काले कम्बल पर बैठकर शनि बीज मंत्र का ज्यादा से ज्यादा संख्या में जप करने से जातक को शनि की कृपा प्राप्त होती है। इसी के साथ एक और उपाय कर लिया जाए तो शनि देव की कृपा सहज ही प्राप्त हो जाती है।
शनिवार के दिन किसी शनि मंदिर में जाकर शनि प्रतिमा को तिल या सरसों का तेल चढ़ाये तो भी शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
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