काम , मद, क्रोधादि विकार तभीतक तुम पर अधिकार जमाये हुए हैं , जबतक इन्हें बलवान् मानकर तुमने निर्बलतापूर्वक इनकी अधीनता स्वीकार कर रखी है । जिस घड़ी तुम अपने स्वरूप को सँभालोगे और अपने नित्य संगी परम सुहृद् भगवान के अमोघ बल पर इन्हें ललकारोगे, उसी घड़ी ये तुम्हारे गुलाम बन जायँगे और जी छुड़ाकर भागने का अवसर ढूँढ़ने लगेंगे।
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वैज्ञानिक दृष्टि से भी है पीपल का बहुत महत्व, पीपल के निकट यह बिल्कुल न करें
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