संत की वाणी: अमोघ बल पर इन्हें ललकारोगे तो जी छुड़ाकर भागने का अवसर ढूँढ़ने लगेंगे

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काम , मद, क्रोधादि विकार तभीतक तुम पर अधिकार जमाये हुए हैं , जबतक इन्हें बलवान्  मानकर तुमने निर्बलतापूर्वक इनकी अधीनता स्वीकार कर रखी है । जिस घड़ी तुम अपने स्वरूप को सँभालोगे और अपने नित्य संगी परम सुहृद् भगवान के अमोघ बल पर इन्हें ललकारोगे, उसी घड़ी ये तुम्हारे गुलाम बन जायँगे और जी छुड़ाकर भागने का अवसर ढूँढ़ने लगेंगे।

सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाला सर्वपाप विनाशक स्तोत्र

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तारकमन्त्र यानि ब्रह्मज्ञान, काशी – प्रयाग में मुक्तिदाता

वैज्ञानिक दृष्टि से भी है पीपल का बहुत महत्व, पीपल के निकट यह बिल्कुल न करें

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