संत की वाणी: संकीर्तन से नष्ट होते हैं संकट
भक्त अगर भगवान को समर्पण कर देता है तो भगवान भी उसके सदैव सहायक होते हैं। भगवत कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम माध्यम है-संकीर्तन। संकीर्तन के माध्यम से जहां जीव उस ईश्वरीय सत्ता से जुड़ता है, वही वह अपने आत्मोत्थान का मार्ग भी प्रशस्त करता है। संकीर्त्यमानो भगवाननन्तः श्रुतानुभावो व्यसनं हि पुंसाम् । प्रविश्य चित्तं … Continue reading संत की वाणी: संकीर्तन से नष्ट होते हैं संकट
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