सपने में बछड़ा, गाय, गाय दुहना , सांड द्वारा पीछा
बछड़ा – मोटा ताजा बछड़ा ( गाय का बच्चा ) देखना अच्छा शकुन है। यह धन प्राप्ति , सन्तान के जन्म और सौभाग्य का सूचक है। यदि कोई मुकदमा लड़ रहा है तो वह जीत जायेगा। परन्तु दुबला – पतला और बीमार बछड़ा दीखे तो यह सब प्रकार से बुरे दिनों का द्योतक है।
गाय – यदि चरागाह में आराम से घूमती हुई घास चरती हुई गौओं को देखे तो यह शान्ति और अमीरी का चिन्ह है। बहुत सी गौओं को पालना या कहीं ले जाना देखे तो समझो वह बहुत सा धन कमायेगा। किन्तु यदि देखे कि कोई दूसरा बहुत सी गायें ले जा रहा है तो द्रष्टा को आर्थिक हानि होगी।
यदि कोई देखे कि कोई गाय उसका पीछा कर रही है और वह भग रहा है तो समझो किसी स्त्री के कारण उसकी प्रतिष्ठा कम होगी। यही स्वप्न यदि कोई स्त्री देखे तो दूसरे पुरूष के प्रति आकर्षित होने के कारण उसके प्रति उसके पति का प्रेम कम होगा।
गाय दुहना देखो तो चहुमुखी खुशहाली और लाभ होगा। परन्तु यदि कोई स्त्री यह देखती है तो बुरा है। वह बीमार हो सकती है, मोटी ताजी गायें देखें तो समृद्धि सूचक हैं। दुबली – पतली बुरे दिनों को बताती है। कालो गायों की अपेक्षा सफेद गायें सपने में देखना अच्छा है। दूध से भरे बड़े धनों वाली गाय का सपना देखना अच्छा शकुन और धन प्राप्त कराता है।
यदि कोई पीछे – पीछे बछड़े और आगे – आगे गाय को जाती हुई देखे तो उसकी पत्नी के सन्तान होगी। यदि दो गाय आपस में लड़ती हुई दीखें तो द्रष्टा व्यस्त जीवन बितायेगा वह कई व्यापारों से धन कमायेगा और उसके बहुत प्रकार के कर्तव्य होगें।
यदि कोई सांड द्वारा पीछा की जाती हुई गाय को देखे तो उसे अपना पेशा ( व्यवसाय ) निश्चित करने में कठिनाई होगी। परन्तु अन्त में जो निश्चय करेगा उससे उन्नति, होगी यदि कोई भोंकते हुए कुत्ते द्वारा गाय अपने घर में प्रवेश कराई जाती हुई देखे तो समझो वह अपने किसी मित्र के कारण धन प्राप्त करेगा।
बैल – यदि क्रुद्ध बैल स्वप्न में दीखता है तो इसका अर्थ है कि उस पर शिवजी का प्रकोप होगा। किन्तु यदि केवल पशु दीखता है तो अच्छा है , शिवजी उस पर प्रसन्न होंगे। यदि बैल आक्रमण के लिए उसका पीछा करता दीखे तो समझो उस पर कोई आपत्ति आने वाली है। ऐसा स्वप्न यदि कोई स्त्री देखे तो उसका पति से झगड़ा होगा जो उसके सतीत्व पर भी सन्देह करेगा। यदि बैल वास्तव में आक्रमण कर देता है और वह घायल हो जाता है तो यह बहुत बुरे दिनों का सूचक है; क्योंकि इससे शिव का कोप प्रकट होता है। स्वप्न में यदि बैल या किसी अन्य चौपाये से बातचीत करे तो द्रष्टा की निश्चय की मृत्यु होगी। यदि बैल पुष्ट है और उसके पास से गुजरता है तो वह रोग से मुक्त होगा। किन्तु बैल यदि दुबला पतला है और सामने बैठा दीखता है तो समझो उसे भयंकर रोग होगा।
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