चींटी – स्वप् , समझो कि द्रष्टा विदेशया – सी चीटियां जुलूस बना कर चलती हुई दीखें तो पर जायेगा और वहीं बस जायेगा। उसकी यात्रा सफल होगी। वह शान्ति और आराम अनुभव करेगा। यदि कोई व्यापारी ऐसा देखे तो वह उसके अच्छे व्यापार का सूचक है। किन्तु यदि चोटियां उत्तेजित अवस्था में विभिन्न दिशाओं को जाती हुई दोखें तो यह बुरे दिनों का सूचक है। यदि चीटियां मुंह में सफेद तत्व या कोई ऐसी चीज जिसे वे खाती हैं, ले जाती हुई दीखें तो यह एक अच्छा शकुन है। इससे धन और प्रसन्नता मिलती है।
यदि चिड़ियां चोटियों को मार रही हो तो समझो मुसीबत आने वाली है। चारपाई पर पड़े रहने वाले रोगी को चींटियां दीखें तो समझो कि उसकी यह बीमारी लम्बी होगी। यदि कोई व्यक्ति मरी हुई चींटियां चारों ओर पड़ी हुई देखता है या चीटियों का एक दल दूसरे दल की चींटियों पर आक्रमण करता है और आक्रमण किया गया दल बलवान् सिद्ध होता है तथा विरोधियों को मार भागता है तो यह द्रष्टा के लिए एक शुभ शकुन है। वह ऋण मुक्त हो जायेगा और रोग से भी छुटकारा पा लेगा। यदि द्रष्टा अविवाहित है तो शीघ्र ही उसका विवाह हो जायेगा और सब ओर से प्रसन्नता होगी। परन्तु यदि आक्रान्त चीटियां मार डाली जायें अथवा बन्दी बना ली जायें तो समझो द्रष्टा को बहुत कष्ट मिलेंगे और वह असाध्य रोग से ग्रसित होगा। उसका दिवाला भी निकल सकता है। यदि कोई देखे कि वह चींटियों से घिरा हुआ है तो उसके जीवन के दिन इने – गिने हैं। सिर पर या घर की चोटी पर दौड़ती हुई चीटियां दीखे तो किसान के लिए यह एक बड़ा अच्छा स्वप्न है।
यह स्वप्न अच्छी वर्षा का सन्देश वाहक है। और इस बात की सूचना देता है कि उसके सूखे खेत हरे – भरे होंगे। यदि पीने के पानी, दूध या अन्य किसी पेय पदार्थ के गिलास में चींटी दीखे तो द्रष्टा पेट की किसी बीमारी से ग्रसित होगा। यदि खाने की मेज पर चींटियां दीखें तो समझो दूर देश से कोई सम्बन्धी या मित्र या कोई अतिथी आनेवाला है। यदि किसी को अपने बिस्तरे पर चीटियां दीखे तो समझो वह सख्त बीमार पढ़ेगा।
दीमक– स्वप्न में यदि दीमकें अपने घर से भागती हुई दोखें तो समझो दरिद्रता होगी पर दीमकें अपने घर को आती हुई दीखें तो समझो धनवृद्धि होगी।