सेब एक शक्तिवर्धक फल है। याद रहे कि सेब भूखे पेट खाना हमेशा अच्छा होता है। यह गर्मी, खुश्की दूर करता है। इसका मुरब्बा हृदय, रक्त , मस्तिष्क की कमजोरी हटाता है। नित्य प्रातः भूखे पेट सेब खाकर ऊपर से तो एक दो माह में ही त्वचा का रंग निखरेगा, चेहरे पर लाली झलकेगी, यौन सम्बन्धी सभी कमजोरियाँ दूर होकर जीवन में स्फूर्ति दौड़ने लगेगी। यह बहुत अच्छा टॉनिक है। मानसिक तनाव, चर्मरोग, गठिया, संधिशोथ, श्वास प्रणाली के रोगों में नित्य दो सेब खाने से लाभ होता है। सेव भोजन से पहले भूखे पेट खाने पर अधिक लाभदायक है। सेब वीर्यवर्धक भी होता है। सेब के छिलके में विटामिन अधिक होते हैं। सेब छिलके सहित खायें। सुबह – शाम खाली पेट सेब नित्य खाने से शरीर में स्फूर्ति रहती है। चिड़चिड़ापन दूर होकर मानसिक शक्ति बढ़ती है। सेब में विटामिन ‘ सी ‘ अधिक होता है। सेब खाने से पुराने, असाध्य रोगों में लाभ होता है। सेब में ‘ मैलिक एसिड ‘ रहता है। यह खटाई आँतों, यकृत और मस्तिष्क के लिए उपयोगी है। इसमें फॉस्फोरस होता है अर्थात् जलन करने वाला पदार्थ जिसे खाने से पेट साफ होता है और आमाशय को पुष्टि प्राप्त होती है। सेब में फॉस्फोरस सर्वाधिक होता है जो पुट्ठों, स्नायु और मस्तिष्क के लिए बहुत लाभदायक है। सेब और इसका रस विटामिन एवं खनिज पदार्थों से भरपूर हैं।
शक्तिवर्धक व स्फुर्तिवर्धक टानिक बनाये कैसे
दो सेब के छोटे – छोटे टुकड़े काटकर उस पर आधा किलो उबलता हुआ पानी डालकर रख दें। जब पानी ठण्डा हो जाए तो उसे छानकर पी लें। यदि मीठे की आवश्यकता हो तो मिश्री मिलायें। यह सेब का पौष्टिक और स्वादिष्ट शर्बत है। यह शीघ्र ही रक्त में मिलकर हृदय, मस्तिष्क, यकृत और शरीर के हरेक कोश में शक्ति और स्फूर्ति पहुँचाता है। सेब का रस हृदय को शक्ति देता है; नेत्रदृष्टि तेज करता है , शरीर और रक्त के विषैले दोषों को निकालकर विभिन्न रोगों को दूर करता है, दुबले – पतले व्यक्तियों को हृष्ट – पुष्ट बनाता है। जो लोग शक्तिशाली, स्वस्थ और जवान बने रहना चाहते हैं, उनको सेब का रस अधिकाधिक नित्य सेवन करना चाहिए।