पाश्चात्य संस्कृति ने हमारी जीवनशैली को बुरी तरह से प्रभावित किया है। हमारे जीवनशैली की जो विशेषताएं थीं, उन्हें हम धीरे-धीरे करके त्यागते गए। आज नतीजा यह है कि हमारी जीवनशैली पाश्चात्य संस्कृति के रंग रंगती जा रही है। खानपान से लेकर सबकुछ प्रभावित हुआ है। पूर्वकाल में हम जमीन पर आसन लगाकर खाना खाते थे, लेकिन अब इसका प्रचलन लुप्त होता जा रहा है। आज हम आपको भूमि पर बैठकर खाना खाने के फायदे बताने जा रहे हैं।
जमीन पर बैठकर भोजन करना पाचन तंत्र और पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। पालथी मारकर बैठना एक योग आसन है। इस अवस्था में बैठने से मस्तिष्क शांत रहता है। भोजन करते वक्त दिमाग शांत हो तो पाचन क्रिया अच्छी रहती है। पालथी मारकर भोजन करते समय दिमाग से एक संकेत पेट तक जाता है कि पेट भोजन ग्रहण करने के लिए तैयार हो जाए। इस आसन में बैठने से गैस, कब्ज, अपच जैसी समस्याएं दूर रहती हैं। योग का हर आसन आपके शरीर को किसी न किसी रूप में लाभ पहुंचाता है।
जब आप जमीन पर बैठकर भोजन करते हैं तो आप वास्तव में किसी आसन जैसे सुखासन या सिद्धासन में बैठे होते हैं। इससे आपको भोजन के दौरान उस आसन से मिलने वाले लाभ भी प्राप्त होते हैं। साथ ही इससे भोजन के पाचन में भी सहायता मिलती है। इससे रक्त संचार बढ़ता है।
शरीर में लचीलापन बना रहता है, जिसका हमारे स्वास्थ्य पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आज जब हृदय रोगी दिन ब दिन बढ़ रहे हैं, ऐसे में यदि भूमि पर बैठकर भोजन करने की आदत डाल दी जाए तो हृदयघात की आशंका भी कम होती है, क्योंकि नीचे बैठकर खाने से रक्त संचार बढ़ता है। जिसका प्रभाव हृदय के स्वास्थ्य पर पड़ता है।