पुराणों में कृष्ण की जीवन कथा को बताया या कुछ इस पर प्रकाश डाला गया है । दो पुराण, भागवत पुराण और विष्णु पुराण में कृष्ण की कहानी की सबसे विस्तृत जानकारी है। एक व्यक्तित्व के रूप में कृष्ण का विस्तृत विवरण सबसे पहले महाकाव्य महाभारत में लिखा गया है, जिसमें कृष्ण को विष्णु के अवतार के रूप में दर्शाया गया है। महाकाव्य की मुख्य कहानियों में से कई कृष्ण केंद्रीय हैं श्री भगवत गीता का निर्माण करने वाले महाकाव्य के छठे पर्व ( भीष्म पर्व ) के अठारहवे अध्याय में युद्ध के मैदान में अर्जुन की ज्ञान देते हैं। महाभारत के बाद के परिशिष्ट में हरिवंश में कृष्ण के बचपन और युवावस्था का एक विस्तृत संस्करण है।
मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के एक मामले में अपर जिला सत्र न्यायाधीश सप्तम प्रमोद कुमार की अदालत में शाही मस्जिद ईदगाह से तथ्यों को एकत्र करने के लिए एक कमीशन भेजने का अनुरोध किया गया है।
अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह ने पांच अन्य की ओर 23 दिसम्बर 2020 को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में एक वाद दायर कर श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बने कटरा केशव देव मन्दिर की 13.37 एकड़ भूमि के एक भाग में बनी शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने के लिए एक वाद दायर किया था। इस वाद में शाही मस्जिद ईदगाह, सुन्नी वक्फ बोर्ड लखनऊ समेत चार पार्टियां प्रतिवादी हैं।
श्री सिंह श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने सोमवार को उक्त अदालत में एक प्रार्थनापत्र देकर अदालत से कहा था कि चूंकि शाही मस्जिद ईदगाह में उनके वाद से संबंधित कुछ तथ्य और अवशेष हैं इसलिए वहां पर एक कमीशन भेजा जाय तथा उन्होंने इस संबंध में वाद दायर किया है इसलिए उन्हें भी कमीशन के साथ जाने की अनुमति दी जाय।
उन्होंने प्रार्थना पत्र में शाही मस्जिद ईदगाह में तथ्य एकत्र करने के लिए जाते समय पर्याप्त सुरक्षा भी मुहैया कराने का अदालत से अनुरोध किया है। उधर न्यायाधीश ने कहा है कि इस प्रार्थनापत्र को 19 फरवरी को उस कोर्ट में ले जाएं जहां उनका वाद चल रहा है क्योंकि इस दरखास्त पर वही कोर्ट फैसला करेगी।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित चारो वादों में अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह का एक मात्र ऐसा वाद है जो स्वीकार कर लिया गया है जब कि शेष तीन वाद अभी स्वीकार करने की प्रक्रिया में है।