भगवान श्री राम जी की कोई भी उपासना करनी हो तो सर्वप्रथम गणपति का पूजन कर निम्न उल्लेखित मंत्र का जप आवश्य करना चाहिए। इससे प्रभु श्री राम प्रसन्न होते है।
मंत्र है-
प्रनवउँ प्रथम भरत के चरना। जासु नेम ब्रत जाइ न बरना।
राम चरन पंकज मन जासू। लुबुध मधुप इव तजइ न पासू।।
बंदउँ लछिमन पद जल जाता। सीतल सुभग भगत सुखदाता।।
रघुपति कीरति बिमल पताका। दण्ड समान भयउ जस जाका।।
सेष सहस्रसीस जग कारन। जो अवतरेउ भूमिभय टारन।।
सदा सो सानूकूल रह मोपर। कृपासिंधु सौमित्र गुनाकर।।
रिपुसूदन पद कमल नमामि। सूर सुसील भरत अनुगामी।।
महाबीर बिनवउॅँ हनुमाना। राम जासु जस आप बखाना।।
मंत्र सिद्ध करने की विधि-
जब कभी भी राम उपासना करनी हो तो शुरुआत में इस मंत्र का जप आवश्य करना चाहिए। इस मंत्र के प्रयोग से लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी को अपने अनुकूल किया जाता है। इस मंत्र का जप कम से कम 21 बार आवश्य करना चाहिए।