शुक्र देव को प्रसन्न करने के कुछ उपाय हम आपको बताने जा रहे हैं, इससे शुक्र देव प्रसन्न होते हैं। इन्हें अपना कर आप अपना जीवन सुखमय बना सकते है। इन उपायों का अपनाकर आप शुक्र देव को प्रसन्न कर सकते हैं।
1- शुक्र शांति के लिए सबसे श्रेष्ठ उपाय तो यह है कि आप दुर्गासप्तशती को विधिवत परायण करें। शुक्र मारकेश होने पर शतचंडी अनुष्ठान आवश्य करना चाहिए, इसके प्रभाव से शुक्र मारकेश का प्रभाव घटता है। इससे शुक्र कृत सभी अनिष्ट दूर हो जाते है। अनुष्ठान पूर्ण श्रद्धाभाव से कराना आवश्यक है।
2- शुक्र पीड़ा की विश्ोष शांति के लिए मैनसिल, कुमकुम और कटहल मिलाकर सात शुक्रवार तक स्नान किया जाए।
3- स्त्री का कहना माने,स्त्री से झगड़ा न करें और स्त्री की सेवा करें।
4- शुक्र उच्च का हो तो शुक्र की चीजों का दान न दें और यदि शुक्र नीच का हो तो शुक्र की चीजों का दान न लें।
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5- हर रोज संपुटित श्रीसूक्त का श्रद्धापूर्वक पाठ करें।
6-फटी हुई या जली हुई पोशाक धारण न करें। पोशाक सदैव ठीक रख्ों।
7- बछड़े वाली गाय का दान या सेवा करें। यह ध्यान रहे कि गाय अंगहीन न हो।
8- आम लोगों की सेवा करें। सप्ताह या माह में अतिथियों को भोजन करायें।
9- कपड़ों पर इत्र लगाएं। शरीर पर क्रीम व पॉउडर भी लगाया जाए।
1०- हर शुक्रवार घी, तिल, जौ आदि से यज्ञ करें।
11- शुक्र शांति के लिए श्री सूक्त, लक्ष्मी सूक्त और कवच का जाप अत्यन्त कल्याणकारी होता है।
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12- विलम्ब विवाह में अभिमंत्रित मोहिनी कवच धारण करें और कामदेव मंत्र का जप कल्याणकारक होता है।
13- शुक्र मंत्र का जप, स्तोत्र, कवच शतनाम के सहित करके आचार्य शंकर कृत सौदर्य लहरी का कम से कम एक श्लोक पढ़ना चाहिए।
14- पत्नी सुख व चारों तरफ वर्चस्व बढ़ाने के लिए, धन और व्यापार में बढ़ोत्तरी के लिए जरकिन युक्त शुक्र यंत्र लॉकेट अपने गले में धारण कीजिए।
15- इक्कीस शुक्रवार तक श्वेत वस्तुओं का दान करें।
16- शुक्रवार का व्रत्र पांच, ग्यारह व 43 सप्ताह तक लगातार कीजिए। कल्याण होगा।
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17- घी, दही, कपूर, अदरक आदि का दान करें या बहते जल में प्रभाहित करें।
18- हीरा पहने। हीरा यदि न हो तो सच्चा मोती धारण करें।