निषाद पार्टी यूपी के 37 लोकसभा सीटों पर अपने सिंबल पर लड़ने को तैयार, भाजपा गठबंधन में फूट का संकेत!
यूपी भाजपा के नेता साधे चुप्पी!
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। “दगा किसी का सगा नहीं है, न मानो तो करके देखो।जिसने किसी को दगा दिया है, जाकर के उसका घर देखो” यह लोकोक्ति उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी पर बहुत हद तक लागू होते दिख रही है। दूसरे गठबंधनों, दूसरे दलों में तोड़-फोड़ की अभयस्त भारतीय जनता पार्टी के लिये उसके सहयोगी “इंडियन निर्बल शोषित हमारा आम दल” (निषाद पार्टी) के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री की ओर से महत्वाकांक्षी संदेश भेज कर दबाव बनाने की कोशिश हो रही है। इसके विपरीत भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की ओर से चुप्पी साध ली गयी है।
उत्तर प्रदेश के भाजपा नेता न तो कोई पलटवार कर रहे हैं न ही संजय निषाद के दावों के समर्थन कर पा रहे हैं।उत्तर प्रदेश की 80 में 80 लोकसभा सीट जीतने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी को निषाद ने मीडिया के माध्यम से अपना संदेश भेजा है।जिसमें उन्होंने कहा है कि बीजेपी 2019 में जिन लोकसभा सीटों पर हारी थी वो सभी हमें दे दे। हम उन्हें जीतकर देंगे। उत्तर प्रदेश की 37 लोकसभा सीटों पर हमारे दल की तैयारी है। उन्होंने 37 सीटों पर अपने सिंबल पर लड़ने की ताकत होने की बात कही है। यही नहीं प्रदेश के बाहर भी अपनी हैसियत की उपस्थिति का एहसास कराते हुए निषाद ने बताया है कि वह छत्तीसगढ़ में भी मजबूत हो रहे हैं। वहां भी वह भाजपा के साथ मिल कर लड़ना चाह रहे हैं।
अपने छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व राज्य प्रभारी ओम माथुर से राज्य भाजपा कार्यालय में मिल कर अपनी मंशा प्रकट कर चुके हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद व सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के रिश्ते आपस में तल्ख हैं।सूत्रों की मानें तो संजय निषाद ने ओम प्रकाश राजभर को भाजपा के साथ आने का विरोध किया था। लेकिन भाजपा के कर्ता-धर्ता टीम गुजरात के नेताओं ने निषाद की बातों पर न कोई ध्यान दिया न ही उनके प्रस्ताव को कोई तवज्जो दिया। इस बात से अपमानित महसूस कर रहे निषाद को मिर्ची लग गयी। इस बीच सपा, बसपा, कांग्रेस के कई ऐसे नेता भाजपा में शामिल हो गये जिन्हें संजय निषाद हजम नहीं कर पा रहे हैं। उसके बाद उन्होंने 37 लोकसभा सीटों पर अपने सिंबल पर लड़ने की स्थित का शिगूफा छोड़ा है। इस घटनाक्रम में महत्वपूर्ण बात यह है कि विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा के साथ समझौते में संजय निषाद की पार्टी को 403 विधानसभा सीटों वाले प्रदेश में मात्र 16 सीट मिला था।
जिसमें 11 सीटों पर इन्हें विजय मिली थी। 5 सीटों पर इनके अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ने वाले जीते तथा 6 सीटों पर इनके प्रत्याशी भाजपा के चुनाव चिन्ह पर लड़ कर जीते थे। संतकबीरनगर से सांसद इंजीनियर प्रवीण निषाद डॉ संजय निषाद के बेटे हैं। एक लोकसभा सीट भी इनका कब्जा है। निषाद के दावे के बाद भाजपा के रणनीतिकारों की नींद उड़ गयी है।जो विधानसभा चुनाव में 16 सीट पाकर अभी पर अपने सिंबल से प्रत्याशी नहीं उतार पाया वह एक वर्ष में 37 लोकसभा सीटों पर कैसे दावा ठोंक दिया। उत्तर प्रदेश में एक लोकसभा सीट पर पांच विधानसभा सीट का अनुपात है।
राजनैतिक समीक्षकों का कहना है कि निषाद पार्टी के नेता की तैयारी का दावा भाजपा से बगावत का संकेत दे रहा है।पहले उन्होंने फूलन देवी हत्याकांड को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को पत्र लिखा। इसके बाद अब उन्होंने बुधवार को एक ट्वीट कर लिखा, निषाद पार्टी लोकसभा की 37 सीटों पर लड़ने को तैयार है। हम अपने सिम्बल पर चुनाव लड़ेंगे। संजय निषाद के इस एलान से राज्य के सियासी गलियारों में खलबली मच गई। इसके बाद तमाम तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं। फिलहाल अभी लोकसभा चुनाव दूर है।26 दलों वाले इंडिया और 38 दलों वाले एनडीए के आकार में बहुत कुछ बदलने की संभावना है।अभी से कुछ भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी।