मनोज श्रीवास्तव/बस्ती। जिले की हर्रैया तहसील में स्थानीय थाना क्षेत्र के ग्राम कोदई निवासी लॉक डाउन के कारण एक व्यक्ति के तीन पुत्रों के बाहर होने के चलते उसकी पत्नी को दाह संस्कार करना पडा।
लॉक डाउन के दौरान पुत्र और पौत्रो के ना आ पाने के कारण मजबूरी में पत्नी को मुखाग्नि देना पड़ा। जब पत्नी ने मुखाग्नि दिया तो मौजूद लोगो की आंखों में बरबस आंसू आ गए। कोदई निवासी 70 वर्षीय संतराम पुत्र देवतादीन का हृदयगति रूक जाने से रविवार को मौत हो गयी। घर पर उनकी पत्नी कैलाया देवी भी मौजूद थी।मौत के बाद उन्होंनें अपने परिवार के साथ पूना में रह रहे बड़े पुत्र राधेकृष्ण, हरियाणा में रह रहे मझले पुत्र अर्जुन और पंजाब में रह रहे छोटे पुत्र सुभाष को फोन से सूचना दिया लेकिन ट्रेन और हवाई जहाज बंद होने के चलते तीनों तत्काल घर से नही निकल पा रहे थे। फोन से बातचीत के बाद जब उन्हें लगा कि बच्चों को आने में तीन-चार दिन का समय लग सकता है तो पड़ोसियों ने उन्हें ही मुखाग्नि देने की सलाह दिया। मान्यता के अनुसार हिन्दू धर्म में पुत्रो के होते हुए पत्नी को दाह संस्कार नही करना चाहिए लेकिन मजबूरन उनकी पत्नी कैलाशी देवी को भी मुखाग्नि देना पड़ा और मनोरमा नदी के तट पर संतराम का दाह संस्कार किया गया।
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