सूखी खांसी, जुकाम, बिच्छू काटने व जोड़ों का दर्द में सेब कैसे लाभदायक

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sookhee khaansee, jukaam, bichchhoo kaatane va jodon ka dard mein seb kaise laabhadaayak

sookhee khaansee, jukaam, bichchhoo kaatane va jodon ka dard mein seb kaise laabhadaayakगला बैठने पर सेब न खायें। गाने वाले सेब न खायें, सेब का प्रयोग कैसे सूखी खांसी, जुकाम, बिच्छू काटने व जोड़ों का दर्द में फायदेमंद हैं, जानतें हैं।

जोड़ों का दर्द

पेशाब की जाँच कराने पर यदि पेशाब में अम्ल ( Acid ) की मात्रा पाई जाये तो सेब खाना लाभदायक है। सेब खाने से जोड़ों का दर्द व गठिया में लाभ होता है। सेब उबालकर, पीसकर, दर्द वाली जगह पर लेप करें। दाँत गलते हों, छेद हों, मसूढे फूलते हों तो खाना खाने के बाद नित्य सेब खायें। इससे दाँत और मसूढ़े ठीक हो जायेंगे और खराब नहीं होंगे। यह स्फूर्तिदायक फल है।

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बिच्छू काटना

सेब को चटनी की तरह पीसकर जहाँ बिच्छू ने काटा हो, लेप करें तथा सेब खिलायें।

जुकाम

दुर्बल मस्तिष्क के कारण भी सर्दी – जुकाम सदा बना रहता है। ऐसे रोगियों को जुकाम की दवाओं से लाभ नहीं होता। ऐसे लोगों को जुकाम ठीक करने के लिए भोजन से पहले छिलके सहित सेब खाना चाहिए। इससे मस्तिष्क की दुर्बलता भी दूर होती है।
ब्रोंकाइटिस

सर्द ऋतु में खाँसी, जुकाम प्रायः होता रहता है। सर्दी, खाँसी से ब्रोंकाइटिस हो जाता है। दो सेब या नाशपाती ( Pears ) खाने से पुरानी ( क्रानिक) ब्रोंकाइटिस से छुटकारा मिल सकता है। सेब और नाशपाती में कैचिन्स ( Catechins ) नामक एंटी आक्सीडेंट्स कम्पाउंड्स पाये जाते हैं जो फेफड़ों की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में सहायक होते हैं। सेब, नाशपाती कच्ची ही खाना लाभप्रद है। क्रानिक ब्रोंकाइटिस के रोगी को लम्बे समय कम – से – कम तीन माह से खाँसी चली आती है और वह कफ अधिकाधिक थूकता रहता है। यह तथ्य अमेरिकन थोरेसिक सोसायटी ने व्यक्त किया है। सेब फेफड़ों के लिए लाभदायक है। विटामिन ‘ सी ‘ , ‘ ई ‘ , एवं बीटा केरोटीन, खट्टे फलों, सेब एव फलों के रस के साथ ही फेफड़ों का भलीभाँति कार्य करने का सम्बन्ध है। जो लोग सेब खाते हैं, उनके फेफड़ों की क्षमता सेब नहीं खाने वालों से अधिक होती है। इसलिए प्रतिदिन सेब खायें। ब्रोंकाइटिस और खाँसी को भगायें।
खाँसी – पके हुए सेब का एक गिलास रस निकालकर मिश्री मिलाकर प्रातः पीते रहने से पुरानी खाँसी ठीक हो जाती है।

सूखी खाँसी

( 1 ) जब तक खाँसी रहे, सेब पर कालीमिर्च और मिश्री डालकर खाते रहें। गले में खरखरी चलकर आने वाली खाँसी व बार – बार उठने वाली खाँसी में लाभ होगा।
( 2 ) नित्य पके हुए मीठे सेब खाते रहने से सूखी खाँसी में लाभ होता है। आंत्रज्वर ( Typhoid ) आंत्रज्वर में सेब का रस बहुत लाभदायक है।

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