1. पिंडदान करें:
अक्षय तृतीया के दिन पितरों के नाम से पिंडदान करना अत्यंत पुण्यकारी होता है। इससे पितरों को मोक्ष मिलता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
2. श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ:
विशेषकर सप्तम (सातवां) अध्याय का पाठ करें। इससे पितृदोष में राहत मिलती है और पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है।
3. प्रभु नारायण से प्रार्थना:
पितरों की मुक्ति तथा परिवार की सुख-समृद्धि के लिए भगवान विष्णु से सच्चे मन से प्रार्थना करें।
4. दान-पुण्य करें:
अन्न, वस्त्र, जल, छाता, गौ, स्वर्ण, तथा जरूरतमंदों को सामर्थ्यानुसार दान करें। अक्षय तृतीया पर किया गया दान अनंत गुणा फलदायक होता है।
5. पितरों का स्मरण और दीप प्रज्वलन:
पितरों की तस्वीर के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं और श्रद्धा से उनका स्मरण करें।
6. पितृ मंत्रों का जाप करें:
पितरों के तृप्ति के लिए इन मंत्रों का जाप करें:
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“ॐ पितृभ्यो नमः”
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“ॐ श्री पितृ देवाय नमः”
महत्व
अक्षय तृतीया पर पितरों के लिए श्रद्धा और प्रेमपूर्वक इन उपायों को करने से पितृदोष दूर होता है, पारिवारिक कष्टों का निवारण होता है, तथा घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।
अक्षय तृतीया: पुण्यों का मिलता है कई गुना फल, इस दिन पितरों को करें घट दान