स्वामी ने सपा महासचिव का पद छोड़ा, अगले कदम पर सबकी नजर!

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स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा महासचिव का पद छोड़ा, अगले कदम पर सबकी नजर!

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा देकर समाजवादी खेमें में सनसनी पैदा कर दिया है। बिना नाम लिये सांसद डिम्पल यादव, पूर्व मंत्री मनोज पांडेय, अनुराग भदौरिया आदि पर परोक्ष हमला कर अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखकर उन्होंने इस्तीफा दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि वह पार्टी में कार्यकर्ता के तौर पर काम करते रहेंगे। चिट्ठी में अपने बयानों पर पार्टी के रुख को लेकर स्वामी प्रसाद ने नाराजगी जताई है। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य लंबे समय से अपने विवादित बयानों की वजह से चर्चा में रहे हैं। उनके बयानों से सपा और अखिलेश यादव भी कई बार असहज हुए हैं।रामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से देशव्यापी विवाद हुआ था।

 

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सपा के भीतर भी पार्टी के कई नेताओं ने अखिलेश से स्वामी पर ऐक्शन लेने की अपील की थी। उन्होंने अपने विवादित बयानों के लिए पार्टी की ओर से निजी बताए जाने पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि इसकी वजह से अगर पार्टी का जनाधार बढ़ रहा है तो ये बयान निजी कैसे हो सकते हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में महासचिव पद के अलग-अलग लोगों के बयानों के साथ भेदभाव किया जाता है। मौर्य ने अखिलेश से कई तरह की शिकायतें भी की हैं।

मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव के सामने जातिवार जनगणना कराने, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ो के आरक्षण को बचाने, बेरोजगारी और बढ़ी हुई महंगाई, किसानों की समस्याओं और लाभकारी मूल्य दिलाने, लोकतंत्र तथा संविधान को बचाने, देश की राष्ट्रीय संपत्तियों को निजी हाथ में बेचे जाने के विरोध में प्रदेश व्यापी भ्रमण कार्यक्रम के लिए रथ यात्रा निकालने का प्रस्ताव रखा था। इस पर उन्होंने सहमति भी दी थी और कहा था कि होली के बाद इस यात्रा को निकाला जाएगा। आश्वासन के बाद भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया। उन्होंने कहा कि नेतृत्व की मंशा के अनुरूप मैंने पुनः उनसे इस बारे में कहना उचित नहीं समझा।

 

इस संदर्भ में वरिष्ठ पत्रकार नितेश पांडेय कुशीनगर ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के वक्तव्यों से कई बार पार्टी की फजीहत हुई। बहुत बड़ा वर्ग स्वामी प्रसाद से नाराजगी का बदला सपा से लिया। स्वमी प्रसाद मौर्य के बयान को सबसे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी व मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव ने निजी बताया था। बाद में पार्टी प्रवक्ता अनुराग भदौरिया उसके बाद विधानमंडल दल में मुख्यसचेतक मनोज पांडेय ने किया।

 

मनोज पांडेय ने स्वामी प्रसाद पर तगड़ा पलटवार भी किया था। सूत्रों का दावा है कि स्वामी एक तीर से दो शिकार किये हैं। उनकी बेटी व बदायूं की भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य तथा स्वामी प्रसाद मौर्य पर एक व्यक्ति ने एफआईआर किया है। उसके अनुसार उसकी संघमित्रा से विवाह हुआ है। जिसका उसने फोटो भी वायरल किया था। दूसरी ओर बताया जा रहा है कि वह कांग्रेस के संपर्क में हैं। जब राहुल गांधी की पद यात्रा यूपी में प्रवेश करेगी स्वामी प्रसाद कांग्रेस का दामन थाम लेंगे। फिलहाल अभी तो सब कुछ भविष्य की संभावनाओं की कोख में है।हर कोई यही जानना चाहता है कि यह भाजपा की डलहौजी नीति के शिकार बने हैं या बसपा, भाजपा सपा के बाद पंजे के फंदे में फंस चुके हैं।

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