तरबूज इन बीमारियों के उपचार में अत्यन्त लाभकारी, कैंसर- उच्चरक्तचाप-पागलपन- कब्ज आदि

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तरबूज एक ऐसा फल है, जो स्वादिष्ट भी है और स्वास्थ्यवर्धक भी है। तरबूज की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे खाने से मनुष्य को प्यास बहुत कम लगती है। यह वीर्यवर्धक फल माना जाता है। क्या आप जानते हैं कि तरबूज कैंसर से बचाव करता है? अगर नहीं जानते हैं तो यह जान लीजिए कि तरबूज खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। इसमें कैंसररोधी तत्व लाइकोपिन टमाटर से चालीस फीसदी से भी अधिक होता है। जोड़ों के दर्द भी तजबूज के रस के सेवन से कम होता है।

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तरबूज भोजन करते हुए बीच में या खाने के एक घंटे बाद खाना चाहिए। तरबूज में अनेकानेक गुण है, जिसकी वजह से यह विभिन्न रोगों की रोकथाम में कारगर रहता है। विभिन्न जटिल रोगों के उपचार में यह सहायक रह सकता है, बशर्तें आपकों इसके माध्यम से उपचार की सही-सही विधि की जानकारी हो। आइये, हम आपको बताते हैं कि तरबूज का सेवन कर आप किन-किन रोगों का उपचार कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको इसके उपचार की विधि से भी अवगत कराने वाले है, ताकि आप इसका लाभ उठाकर स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें।

सिर दर्द से बचाव में कारगर तरबूज

अगर सिरदर्द गर्मी के कारण हो तो तरबूज की गूदा मलमल के कपड़े में डालकर निचोड़े और उसके रस को काँच के गिलास में भर लें। इसमें मिश्री मिलाकर प्रात: पियें। ऐसा करने से आपको सिरदर्द की समस्या से मुक्ति मिल सकती है, जिससे आपकी स्वास्थ्य की यह जटिल परेशानी दूर होगी।

दमा रोगी न करें तरबूज का सेवन

दमा के रोगियों को तरबूज के सेवन नित्य नहीं करना चाहिए। विशेष तौर पर तरबूज का रस नहीं पीना चाहिए। यह उनकी बीमारी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

उल्टी में भी तरबूज प्रभावी

उल्टी आने की समस्या यदि आपको है तो भी तरबूज प्रभावी रह सकता है। खाने के बाद कलेजा जले और फिर पीली-पीली उल्टी हो तो प्रात: एक गिलास तरबूज के रस में मिश्री मिलाकर पियें। इससे प्यास भी बहुत कम लगती है। उल्टी आने की समस्या से आपको निजात मिल सकती है।

वहम और पागलपन में भी असरकारक है तरबूज

मानसिक रोगों में भी तरबूज का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके नियमित व विधि के अनुसार प्रयोग से कोई भी मानसिक बीमारी से मुक्ति प्राप्त कर सकता है।
अगर कोई वहम या पागलपन का शिकार हे तो तरबूज का रस एक कप, गाय का दूध एक कप, मिश्री तीस ग्राम मिलाकर एक सफेद बोतल में भरकर रातभर खुले में चांदनीमें खूंटी में लटका दें। प्रात: रोगी को भूखे पेट पिला दें। ऐसा अगर 21 दिन किया जाए तो वहम की समस्या दूर हो सकती है। मन स्थिति में सुधार होता है। पागलपन की समस्या को दूर करने के लिए तरबूज के बीज की मींगी दो चम्मच रात को चौथाई कप पानी में भिगो दें। इसे पीस कर तीस ग्राम मिश्री, दो चम्मच घी और पांच पिसी हुई काली मिर्च मिलाकर खाली पेट खायें। इससे मस्तिष्क की गर्मी निकल जाती है। पागलपन पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

तरबूज खायें और कब्ज से मुक्ति पायें

ओस में रखे हुए तरबूज का रस निकालकर प्रात: शक्कर मिलाकर पीने से कब्ज की समस्या से मुक्ति मिलती है।

उच्चरक्तचाप में तरबूज मददगार

तरबूज का सेवन कर आप उच्च रक्तचाप से मुक्ति पा सकते हैं। उच्च रक्तचाप में इसका प्रयोग विधि के अनुसार किया जाए तो उच्च रक्तचाप में इसे काफी प्रभावी माना जाता है।
प्रथम उपचार विधि- तरबूज के बीजों के रस में एक तत्व जो कुरकुरबोसाइट्रिन कहलाता है, पाया जाता है। यह रक्त कोशिकाओं की नली को चौड़ा करता है। इसका प्रभाव गुर्दे पर पड़ता है। इससे उच्चरक्तचाप कम हो जाता है। टखनों के पास की सूजन को भी यह कम करता है।
तरबूज के बीजों का रस बनाने की विधि- तरबूज के छाये में सुखाये हुए बीज दो चम्मच कूट-पीसकर एक कप उबलते हुए गर्म पानी में डालकर एक घंटा भीगने दें। इसके बाद चम्मच से हिलाकर छानकर पी जाएं। इस तरह चार खुराक नित्य पियें। तरबूज का रस पीने से भी लाभ होता है।
दूसरी उपचार विधि- तरबूज के बीज की गिरी और खसखस दोनों समान मात्रा में मिलाकर पीसकर नित्य तीन बार एक-एक चम्मच फंकी ठंडे पानी से लें। इस प्रकार प्रतिदिन एक बार लेते रहने से उच्च रक्तचाप सामान्य रहता है। इसका सेवन आप लम्बे समय तक भी कर सकते हैं।

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