नवरत्न की अंगूठी धारण करने से जातक को सुख-सम्पदा, यश, मान, प्रतिष्ठा, धन, सौभाग्य, पारिवारिक सुख और मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसके कारण अनिष्ट दूर होते हैं। रोग-शोक नहीं सताता है और आयु वृद्धि होती है। नवरत्न की अंगूठी की विश्ोषता यह होती है कि इसे किसी भी राशि वाला जातक धारण कर सकता है।
नवरत्न इकठ्ठे धारण करने से नीलम आदि अति प्रभावशाली और शक्तिशाली रत्न भी अपना दुष्प्रभाव न दिखाकर धारक को लाभ प्रदान करते हैं। नौ ग्रहों की शांति के लिए नवरत्न को धारण किया जाता है। यहां नवरत्न से हमारा अभिप्राय ऐसे आभूषण हैं, जिसमें नवरत्न जड़ित हों। नवरत्न जड़ित आभूषण का आशय है, नव रत्न जड़ित अंगूठी, पैैंडल, माला, ब्रासलेट इत्यादि । आम तौर पर आभूषणों के रूप में नवरत्न जड़ित अंगूठी और माला आदि का प्रयोग किया जाता है, लेकिन भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन नवरत्नों जड़ित आभूषणों को धारण करने का अलग महत्व है। ज्योतिष के अनुसार माणिक, मोती, मंूगा, पन्ना, पुखराज, हीरा, नीलम, गोमेद व लहसुनिया नवरत्न हैं, जो कि क्रमश: सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु के रत्न हैं।
ज्योतिष के अनुसार सौर मंडल के क्रूर और अनिष्टकारी ग्रह अपनी गति से जहां-जहां जाते हैं, अपनी विषमयी किरणों के प्रभाव डालते हैं। अतएवं संसार में जो कुछ घटित हो रहा है, उसमें इन ग्रह नक्षत्रों की भूमिका आवश्य है। इन्हीं के प्रभाव से जीव को सुख-दुख की प्राप्ति होती हे इन नवग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए नवग्रह की अंगूठी धारण करने की अवधारणा है। नवरत्न की अंगूठी और माला मनुष्य को अनिष्ट ग्रहों के प्रभाव से बचाती है। जो ग्रह शुभ होते हैं, उन्हें बलवान बनाकर अधिक फलदायी बनाती है।
जन्म कुंडली के अनुसार अगर किसी कुंडली में विभिन्न शुभ ग्रह हों और ग्रहों की स्थिति ऐसी हो कि रत्न विश्ोष का चयन मुश्किल हो या रत्न चयन नहीं किया जा सकता हो तो एसी दशा में नवरत्न की अंगूठी धारण करना श्रेयस्कर होता है।
Sir , i wañt to bear navratna pendant. From which day and time I will bear it. Plz tell me How it can be pran pratisthit.
janm rashi ke anusar kisi jyotish se puchh kr dharan kr le. vese kisi shubh samay me dharan kr sakate he