लखनऊ। 6 मई 2020 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रीमण्डलीय बैठक में उत्तर प्रदेश में लागू कतिपय श्रमविधियों से अस्थाई छूट का निर्णय लिया जाना सभी पक्षो यथा श्रमिको, उद्योगों और सरकार के हित में है । इस निर्णय से वर्तमान में कोविड-19 महामारी के कारण बुरी तरह से प्रभावित औद्योगिक गतिविधियों को सुधरने में ही सहायता नही मिलेगी परन्तु प्रदेश में लम्बे समय से निवेश करने के इछुक निवेशकों की एक बड़ी बाधा भी दूर हो जाएगी।
इससे आने वाले समय में प्रदेश में औद्योगिक प्रगति की गति तीव्र होगी और नये रोजगार सृजित होगें। प्रदेश में जो बेरोजगारी की समस्या है उसका इस साहसिक एवं इतिहासिक निर्णय से अवश्य समाधान होगा। उत्तर प्रदेश में
निवेश के लिये निवेशकों की धारणा में भी सकारात्मक बदलाव आयेगा जिससे न केवल देश के अपितु विदेशो से भी
निवेशक अपनी पूंजी उत्तर प्रदेश में लगाएगें। रोजगार बढ़ने से श्रमिकों को भी अच्छा वेतन मिलेगा जैसा कि विगत में
कम्प्यूटर एवं आई0टी0 क्षेत्र में आयी क्रांति के समय हमारे देश में हुआ था। कोविड-19 महामारी को काबू करने में अभी
लम्बा समय लग सकता है अतः इसके कारण उत्पन्न कठिन परिस्थितियों में प्रदेश के उद्यमी श्रम कानूनों के सरलीकरण
से अपना अधिक समय अपने उद्योगों में उत्पादकता बढ़ाने में लगा सकेगे। आज प्रदेश का कर राजस्व भी बहुत कम हो
गया है जिसकी पूर्ति प्रदेश में उद्योग धन्धे बेहतर स्थिति में होने से ही हो सकेगी और प्रदेश का विकास भी सम्भव
होगा।
इण्डियन इण्डट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) जो प्रदेश में उद्योगों का सबसे बड़ा संगठन है के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री
पंकज कुमार ने मुख्यमंत्री एवं उनके मंत्रीमण्डलीय सहयोगियों द्वारा लिये गये इस निर्णय की सराहना की है तथा
माननीय मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। श्री कुमार ने आशा व्यक्त की है कि सरकार के इस इतिहासिक निर्णय के
दूरगामी प्रभाव होगें और इसके कारण श्रमिकों के हितों पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए सभी श्रम
संगठन भी इसका स्वागत करेगें।