प्रभु श्रीराम जन-जन में हैं और सबकी आस्था के प्रतीक
लोक कथा, लोक भाषा और लोक परम्परा में श्रीराम को लिपिबद्ध
कैसे किया जा सकता है, इस पर शोध किया जाना आवश्यक
लखनऊ: 31 अक्टूबर, 2021
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि श्रीराम का भाव ‘हरि अनन्त, हरि कथा अनन्ता’ की भावना है। प्रभु श्रीराम जन-जन में हैं और सबकी आस्था के प्रतीक हैं। भगवान श्रीराम सबके हैं और हमारा समाज राममय है। लोक कथा, लोक भाषा और लोक परम्परा में श्रीराम को लिपिबद्ध कैसे किया जा सकता है, इस पर शोध किया जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद अयोध्या में राम कथा पार्क में विगत 29 अगस्त, 2021 से आरम्भ किये गये रामायण कॉन्क्लेव के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के आदर्शाें पर आधारित परम्परा को आगे बढ़ाते हुए इस कॉन्क्लेव का समापन किया जा रहा है। इसके बाद दीपोत्सव कार्यक्रम प्रारम्भ हो रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न थीमों पर आधारित इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य भगवान श्रीराम के चरित्र, मूल्यांे तथा आदर्शाें को नई पीढ़ी तथा आम जनमानस तक व्यापक रूप से पहुंचाना था। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर वे आगामी 03 नवम्बर को होने वाले दीपोत्सव-2021 की तैयारी की समीक्षा करने आए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस रामायण कॉन्क्लेव का भव्य शुभारम्भ पावन नगरी अयोध्या से राष्ट्रपति जी के कर-कमलों से 29 अगस्त, 2021 को रामकथा पार्क के मुख्य मंच से किया गया था। इस कॉन्क्लेव को भव्यता के साथ आयोजित किया गया। अयोध्या से प्रारम्भ हुई यह सांस्कृतिक एवं बौद्धिक यात्रा गोरखपुर, बलिया, वाराणसी, विन्ध्याचल, चित्रकूट, ललितपुर, श्रृंगवेरपुर, बिठूर, बिजनौर, बरेली, गाजियाबाद, मथुरा, गढ़मुक्तेश्वर, सहारनपुर तथा लखनऊ से होते हुए पुनः अयोध्या की पावन धरती पर आज 31 अक्टूबर, 2021 को सम्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि रामायण एवं रामकथा की व्याप्ति सम्पूर्ण विश्व में है, जिसके असंख्य अनुयायी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के द्वारा स्थापित आध्यात्मिक, नैतिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों का अनुकरण कर अपना पथ प्रशस्त करते है और अपने भविष्य की आधारशिला भी रखते है।
कार्यक्रम अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने अयोध्या शोध संस्थान द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘लोक मानस में राम संस्कृति’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री जी द्वारा अयोध्या के सन्तों को सम्मानित किया गया, जिनमें सुरेश दास जी, राजकुमार दास जी, धर्मदास जी, मैथिलीरमण जी, शरण जीत जी, राम दास जी, जन्मेजय शरण जी, देवेन्द्रप्रसादाचार्य जी आदि शामिल थे।
पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकण्ठ तिवारी ने रामायण कॉन्क्लेव पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए इस विशेष कार्यक्रम को उद्देश्य आमजन मानस को भगवान श्रीराम के चरित्र से जोड़ने का बताया।
पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकण्ठ तिवारी ने रामायण कॉन्क्लेव पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए इस विशेष कार्यक्रम को उद्देश्य आमजन मानस को भगवान श्रीराम के चरित्र से जोड़ने का बताया।
मुख्यमंत्री जी ने रामकथा पार्क/संग्रहालय में दीपोत्सव-2021 की तैयारियों की समीक्षा की तथा उन्होंने सभी तैयारियों एवं व्यवस्थाओं को 01 नवम्बर, 2021 तक पूर्ण किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने आज तक न्यूज चैनल द्वारा अयोध्या में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया तथा अयोध्या के कार्यक्रमों एवं दीपोत्सव को सफल बनाने की अपील की।
मुख्यमंत्री जी ने अयोध्या में अशर्फी भवन पीठाधीश्वर जगतगुरू श्रीधराचार्य से भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
ज्ञातव्य है कि रामकथा की वैश्विक व्याप्ति के दृष्टिगत उ0प्र0 पर्यटन विभाग द्वारा गत वर्ष से रामायण कॉन्क्लेव के आयोजन का क्रम प्रारम्भ किया था, जिसे इस वर्ष संस्कृति विभाग तथा अयोध्या शोध संस्थान द्वारा प्रदेश के 16 प्रमुख स्थलों में श्रृंखलाबद्ध आयोजनों के माध्यम से मूर्तरूप प्रदान करने का प्रयास किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने अयोध्या में अशर्फी भवन पीठाधीश्वर जगतगुरू श्रीधराचार्य से भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
ज्ञातव्य है कि रामकथा की वैश्विक व्याप्ति के दृष्टिगत उ0प्र0 पर्यटन विभाग द्वारा गत वर्ष से रामायण कॉन्क्लेव के आयोजन का क्रम प्रारम्भ किया था, जिसे इस वर्ष संस्कृति विभाग तथा अयोध्या शोध संस्थान द्वारा प्रदेश के 16 प्रमुख स्थलों में श्रृंखलाबद्ध आयोजनों के माध्यम से मूर्तरूप प्रदान करने का प्रयास किया गया है।
रामायण कान्क्लेव के इस आयोजन में लगभग 02 हजार कलाकारों, सैकड़ों साहित्यकारों/मानस मर्मज्ञों एवं कवियों ने रामकथा के विभिन्न पहलुओं पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, संगोष्ठी/परिचर्चा एवं कवि सम्मेलन आदि में प्रतिभाग किया। रामायण कॉन्क्लेव में प्रातःकालीन सत्र में विशिष्ट कथा वाचकों एवं रामायण पर अधिकृत विद्वानों के साथ रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर सारगर्भित व्याख्यान एवं विचार-विमर्श हुए तथा सायंकालीन सत्र में रामायण एवं रामकथा से सम्बन्धित उत्तर प्रदेश के 05 सांस्कृतिक अंचलों-अवध, पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड, ब्रज एवं पश्चिमांचल की लोक एवं शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियां सम्पन्न हुई। साथ ही, रामलीला एवं लोक बोलियों के कवि सम्मेलनों के माध्यम से रामकथा के विभिन्न सन्दर्भों को भी प्रस्तुत किया गया।
मुख्यमंत्री जी के अयोध्या भ्रमण के अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री मुकेश कुमार मेश्राम सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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