वेद विचार
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हे मनुष्य! तू दिव्य जीवन की प्राप्ति के लिए अपने ज्ञान में वृद्धि कर। इसके लिए तू सत्यविद्याओं के ग्रंथ ईश्वरीय ज्ञान वेद का अध्ययन कर विवेक ज्ञान को प्राप्त कर।
बादल के जल से हर्ष को प्राप्त किसान के समान जागरूक होकर आनंद को प्रवाहित करने वाले आनंद-रस के खजाने परमात्मा के सम्मुख हो अर्थात् सद्ग्रंथो का स्वाध्याय एवम् ईश्वरोपासना किया कर।
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ऐसा करने से तुझे परमात्मा से प्रवाहित हो रहे आनंद-रस की प्राप्ति होगी। तेरा जीवन सफ़ल होगा। तू सभी बंधनों से छूट जाएगा और परमपद को प्राप्त हो सकेगा।
-प्रस्तुतकर्ता मनमोहन आर्य
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