त्रुटि रहित न मैं हूँ, न तुम हो,
दोनों मनुष्य हैं, भगवान न मैं हूँ, न तुम हो।
परस्पर हम दोष देते हैं, एक दूसरे को, पर अपने अंदर झाँकता न मैं हूँ, न तुम हो।
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भ्रम ने पैदा कर दी इंसानों में दूरियाँ, पर सच में बुरा न मैं हूँ, न तुम हो।
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