यूपी में रामलीला मैदानों का होगा कायाकल्प

0
63

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने जनपद हरदोई, मैनपुरी, एटा, कुशीनगर तथा प्रतापगढ़ में स्थित रामलीला मैदानों की चहारदीवारी तथा सौन्दर्यीकरण के कार्य अक्टूबर 2024 में दशहरे से पहले हरहाल में पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। इन आदेशों के अनुपालन में कार्यदायी संस्थाओं द्वारा निर्धारित समय में कार्य पूर्ण करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य कराया जा रहा है। यह जानकारी आज यहां प्रदेश के पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह ने दी।

उल्लेखनीय है कि पर्यटन मंत्री ने 12 जून, 2024 को समीक्षा बैठक में संस्कृति विभाग के अधीन निर्माणाधीन परियोजनाओं/कार्यों को गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने मैनपुरी की नगर पंचायत कुसमरा के रामलीला मैदान की बाउन्ड्रीवॉल गेट निर्माण आदि का कार्य दशहरा से पहले करने के निर्देश दिए थे। इसी प्रकार जनपद हरदोई के रामलीला मैदान सण्डीला में भवन निर्माण एवं अन्य विकास कार्य भी समय से पूरा करने को कहा गया था।

Advertisment

पर्यटन मंत्री ने बताया कि जसवंत नगर रामलीला मैदान की तर्ज पर समस्त रामलीला मैदानों में भी रामायण आदि रामलीला के म्यूरल/चित्र/टेरीकोटा से बनवाये जाने के लिए निदेशक ललित कला अकादमी को तेजी से कार्यवाही करने के निर्देश दिए गये थे। इन रामलीला की चहारदीवारियों पर मंच के निर्माण के अलावा समस्त कार्य वैदिक रूप से किये जाने के निर्देश दिए गए। जनपद एटा के अलीगंज स्थित रामलीला मैदान का भी सौन्दर्यीकरण दशहरे से पहले करने के निर्देश दिए गए।

जयवीर सिंह ने जनपद कुशीनगर में रामजानकी मठ पर सार्वजनिक रामलीला मैदान में चहारदीवारी एवं अन्य कार्य कराये जा रहे हैं। ये सभी कार्य 30 प्रतिशत तक पूरे हो चुके हैं। कार्यदायी संस्था ने आश्वस्त किया है कि अक्टूबर 2024 तक समस्त कार्य पूरे कर लिए जायेंगे। जनपद प्रतापगढ़ की नगर पंचायत गड़वारा स्थित प्राचीन रामलीला मैदान के जीर्णोद्धार का कार्य 20 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। इसी प्रकार अवध केसरी राणा बेनी माधव बक्श सिंह की स्मृति में रायबरेली सभागार संरचना के द्वितीय चरण के निर्माण कार्य हेतु टेण्डर की कार्यवाही में विलम्ब के लिए असंतोष व्यक्त किया था और कहा कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद टेण्डर की प्रक्रिया पूरी कर लेनी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन किया जाय। लापरवाही की दशा में जवाबदेही तय की जायेगी।

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here