श्री कालाराम मंदिर, वह मंदिर है, जहां पर भगवान श्री राम ने वनवास के दौरान निवास किया। नासिक-पंचवटी क्ष्ोत्र में यह मंदिर है। वनवास में आए भगवान श्री राम ने इसी स्थान पर निवास किया था। उसी स्थान पर यह पावन मंदिर स्थित है।
पुराना मंदिर बहुत ही जीर्ण था, श्रीमति गोपिकाबाई पेशवे सरकार के सरदार श्री ओढ़कर ने 23 लाख रुपए खर्च करके इस पुरातन मंदिर का जीर्णोद्धार किया था। इसे भव्य रूप प्रदान किया था। इसका जीर्णोद्धार 12 वर्षों तक चला था। मंदिर काले पत्थरों से बना हुआ है। ये पत्थर रामशेज पर्वत से लाये गए थे।
मुख्य मंदिर की चारों दिशाओं में चार भव्य द्बार हैं। मंदिर पूर्वाभिमुख है। मंदिर के आगे खुला स्थान छोड़कर सभी मंडप और उसी में हनुमान मंदिर बनाया गया है। मंदिर के तीन गुम्बद हैं। तीसरे गुम्बद के नीचे कृष्ण वर्ण पत्थर की वालुकामय श्रीराम, लक्ष्मण और सीता की तीन मूर्तियां कीमती पोशाकों और आभूषणों से युक्त विराजमान हैं।
सकृदवे प्रसन्नाय तवास्मिती च याचते।
अभय सर्वभूतेभ्यो ददाम्येतद व्रतं मम।।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम चंद्र का कहना है कि जो मनुष्य अनन्य श्रद्धापूर्वक मेरी उपासना करता है, उस भक्त को अभयदान देना मेरा व्रत है। दशहरा, दीपावली, गुड़ीपड़वा और रामनवमी पर यहां भगवान श्री राम चंद्र का सालंकार विशेष होता है।