वेदामृत: भक्ति से होने वाले लाभों को प्राप्त करना

0
473

वेदामृत
=====
प्रभु भक्ति में भक्त को आनंद की अनुभूति, बल प्राप्ति, पवित्रता सहित शुभ कर्मों यथा परोपकार एवं दान आदि की प्रेरणा मिलती है। हमारी आत्मा, हृदय व मन से अंधकार दूर होकर प्रकाश उत्पन्न होता है। प्राणों को उर्ध्वगामी होने की प्रेरणा मिलती हैं। वीरता प्राप्त होती है। ईश्वर की भक्ति से अवर्णनीय लाभ होते हैं। आत्मा का बल इतना बढ़ता हैं कि उसमें पहाड़ के समान मृत्यु आदि दुखों को सहन करने की शक्ति प्राप्त होती है।

अतः हमें वैदिक साहित्य के स्वाध्याय से ईश्वर के सत्यस्वरुप को जानकर अज्ञान व अंधविश्वासों से रहित सत्यविधि से भक्ति करनी चाहिए और भक्ति से होने वाले लाभों को प्राप्त करना चाहिए। इससे हमारा लोक परलोक सुधरेगा व संवरेगा।

Advertisment

-प्रस्तुतकर्ता मनमोहन आर्य

सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें। सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here