ओ३म्
‘वैदिक साधन आश्रम तपोवन-देहरादून का 5 दिवसीय शरदुत्सव बुधवार 20 अक्टूबर 2021 से आरम्भ’
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वैदिक साधन आश्रम तपोवन देहरादून आर्यजगत की साधना एवं यज्ञ आदि साधनाओं को कराने व प्रचार करने वाली अग्रणीय संस्था है। इसकी स्थापना लगभग सत्तर वर्ष पूर्व महात्मा आनन्द स्वामी सरस्वती जी ने अमृतसर के बावा गुरमुख सिंह जी के आर्थिक एवं नैतिक सहयोग से की थी। आश्रम में यज्ञ, सत्संग, योगाभ्यास, ध्यान तथा शिविरों के आयोजन के लिए विशेष सुविधायें उपलब्ध है। स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज एवं विख्यात ऋषिभक्त युवा विद्वान आचार्य आशीष दर्शनाचार्य जी आश्रम में साधकों को अपने उपदेश आदि द्वारा मार्गदर्शन देते रहते हैं और समय समय पर योग, ध्यान, वृहद यज्ञ एवं चरित्र निर्माण आदि शिविर आयोजित कर उनका सफल संचालन करते हैं। आश्रम में प्राकृतिक चिकित्सा के शिविरों़ का आयोजन भी प्रायः प्रत्येक महीने युवा संन्यासी स्वामी योगेश्वरानन्द सरस्वती जी पूर्व नाम योगाचार्य डा. विनोद कुमार शर्मा करते हैं।
आश्रम का आगामी पांच दिवसीय शरदुत्सव आगामी बुधवार 20 अक्टूबर, 2021 से आयोजित किया जा रहा है। आयोजन का समापन वेद पारायण यज्ञ की पूर्णाहुति एवं उपदेश एवं भजनों आदि से दिनांक 24 अक्टूबर, 2021 को होगा। इस कार्यक्रम में श्रद्धालु साधकों वा शिविरार्थियों को अनेक विद्वानों का सत्संग एवं मार्गदर्शन प्राप्त होगा। स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती, आचार्य आशीष दर्शनाचार्य सहित आचार्य शैलेश मुनि सत्यार्थी जी, भजनोपदेशक पं.रूहेल सिंह आर्य जी आश्रम में सुलभ हैं वा पहुंच गये हैं। अनेक विद्वानों के कल प्रातः तक पहुंचने की सम्भवाना है। स्थानीय विद्वान डा. धनंजय आर्य, डा. नवदीप शास्त्री, पं. वेदवसु शास्त्री, डा. अन्नपूर्णा जी, डा. सुखदा सोलंकी जी, पं. सूरत राम शर्मा जी, आचार्य पीयूष शास्त्री आदि के सम्बोधन भी जिज्ञासु श्रोताओं को सुनने को मिलेंगे। स्वामी मुक्तानन्द जी, रोजड़ इस अवसर पर आयोजित किए जाने वाले वेद पारायण यज्ञ के ब्रह्मा बनाये गये हैं। इस अवसर पर इन विद्वानों सहित अनेक अन्य विद्वान एवं भजनोपदेशक भी पधारेंगे। प्रसिद्ध भजनोपदेशक श्री दिनेश पथिक के भी पहुंचने की पूरी आशा है। सत्संग में देहरादून की प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका श्रीमती मीनाक्षी पंवार जी के गीत वा भजन भी सुनने का दुर्लभ अवसर श्रोताओं को मिलेगा। अतः धर्म प्रेमी श्रोताओं व यजमानों के लिए यह अवसर एक उत्तम एवं दुर्लभ तीर्थ के समान है जहां आत्मा व परमात्मा विषयक साधकों की सभी जिज्ञासाओं एवं समस्याओं का समाधाओं सहज रूप से होता है। दैनिक यज्ञ एवं उपासना करने की प्रेरणा भी मिलती है।
हम प्रयास करेगे कि हम भी सत्संग में पहुंच सकें और कुछ विद्व़ानों के उपदेश व भजन आदि का परिचय अपने मित्र पाठकों को करा सकें। आश्रम के मंत्री श्री प्रेम प्रकाश शर्मा जी तथा प्रधान श्री विजय कुमार आर्य सहित सभी सदस्य एवं अधिकारी आश्रम को सुव्यवस्थित चलाने के लिये प्रयत्नरत हैं। ईश्वर इन सभी अधिकारियों को ऊ ऊर्जा एवं शक्ति प्रदान करें। आश्रम निरन्तर प्रगति करे, यह हमारी कामना है। ओ३म् शम।
-मनमोहन कुमार आर्य