शादी हो या धार्मिक संस्कार, धार्मिक अनुष्ठानों में पांच फलों के अर्पण का विधान है। पांच फल ही क्यों अर्पित किए जाते हैं, अगर आपको यह जानने की उत्सुकता है तो हम आपको इसका तर्कसंगत कारण बता रहे हैं।
आइए जानते हैं वह कौन सा कारण है जिसकी वजह से पांच फलों को पूजा व विवाह संस्कार में अर्पित किया जाता है। हमारा शरीर पांच तत्वों से बना है। यह तो सभी जानते हैं। यह पांच तत्व है ,पृथ्वी, अग्नि, आकाश, समीर यानी वायु और जल। रूपा टोटकों से बनाई है शरीर अद्भुत है। पंच तत्वों से निर्मित इस शरीर से पांच फल चढ़ाने के पीछे मानसिकता यह है कि यह शरीर सदैव संतुलित और स्वस्थ रहें। एक एक फल एक एक देवता को सूक्ष्म रूप से प्राप्त हो और उन देवताओं की कृपा नव दंपत्ति पर बनी रहे या फिर पूजन करने वाले व्यक्तियों पर बनी रहे।
सनातन धर्म, जिसका न कोई आदि है और न ही अंत है, ऐसे मे वैदिक ज्ञान के अतुल्य भंडार को जन-जन पहुंचाने के लिए धन बल व जन बल की आवश्यकता होती है, चूंकि हम किसी प्रकार के कॉरपोरेट व सरकार के दबाव या सहयोग से मुक्त हैं, ऐसे में आवश्यक है कि आप सब के छोटे-छोटे सहयोग के जरिये हम इस साहसी व पुनीत कार्य को मूर्त रूप दे सकें।
सनातन जन डॉट कॉम में आर्थिक सहयोग करके सनातन धर्म के प्रसार में सहयोग करें।