लखनऊ । वन विभाग के पिंजरे में चार भेड़ियों के पकड़ में जाने के बाद भी महसी तहसील के गांवों की रातें डरा रही हैं। एक गांव में रविवार रात करीब दो बजे भेड़िया मां की गोद में सो रही ढाई वर्षीय बच्ची को उठा ले गया। सुबह डेढ़ किलोमीटर दूर खेत में क्षत-विक्षत शव मिला। दो अन्य गांवों में भी भेड़िए के हमले में दो महिलाएं घायल हो गईं।
यह सब तब हुआ, जब वन विभाग की 16 टीमों में करीब सौ वनकर्मी भेड़ियों को तलाशने और उन्हें पकड़ने के लिए लगाए गए हैं… पिंजरे, थर्मल सेंसर कैमरे,
ड्रोन और ट्रैक्युलाइजर गन आदि आधुनिक संसाधनों के साथ। ग्रामीणों की सुरक्षा में 200 पीएसी जवान, 20 सब इंस्पेक्टर और 80 सिपाही भी लगे हैं। इन सबके बाद भी हुए ताजा हमले से भयभीत चेहरे भेड़ियों के बरकरार आतंक की कहानी कह रहे हैं।
सोमवार सुबह प्रभावित तीनों गांवों में कहीं चीत्कार तो कहीं कराहट – वेदना सुनाई दी। अब तक 10 लोग भेड़िए का शिकार बन चुके हैं जबकि 37 घायल हुए। हरदी क्षेत्र के नउवनपुरवा में कमल की पत्नी मीनू ढाई वर्षीय बेटी
अंजली के साथ कमरे में लेटी थी। कमरे में दरवाजा नहीं था।