कन्या राशि या लग्न में जन्मे जातक वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए गुरुवार को प्रात: पीले रंग के वस्त्र में पांच साबुत हल्दी गांठ, 125 ग्राम चने की दाल और कुछ केसर और पीले फूल लपेटकर किसी धर्म स्थल के पास गड्ढा खोदकर ऊॅँ बृहस्पतये नम: मंत्र का जप करके दबा दें। मंत्र जप आस्था व विश्वास से करें। प्रक्रिया के प्रारंभ में गणेश जी को नमन करें।
कन्या लग्न व राशि के जातक अपने आप में मग्न रहने वाले होते हैं। उनका स्वभाव विनम्र होता है और वाणी में विनम्रता होती है। जीवन में जब किसी बाधा से मुकाबला होता है तो वे संयमित रहते हैं और उसके समाधान के लिए तर्कसंगत उपाय में लग जाते हैं। इस विनम्रता को ही कभी कभी उनकी कमजोरी और जोड़तोड़ वाला मान लिया जाता है।
उनमें इतनी क्षमता होती है कि वह किसी मुद्दे को समझ सकें और सबसे कठिन से कठिन समस्या को हल कर सकें। इस राशि के लोग काफी बुद्धिमान होते हैं और गलत कामों में कम ही संलग्न होते हैं। दूसरों की सहायता करने की ललक का गुण ही उनके लिए हानि का कारण बन जाता है।