योगी ने किया  वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विधिवत दर्शन-पूजन

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मुख्यमंत्री ने काशी के कोतवाल बाबा काल
भैरव मंदिर में भी विधिवत दर्शन-पूजन किया
लखनऊ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विधिवत दर्शन-पूजन किया। उन्होंने 13 व 14 दिसम्बर, 2021 को प्रस्तावित प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के श्री काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के लोकार्पण कार्यक्रम से सम्बन्धित तैयारियों का जायजा लिया और स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को इस सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव मंदिर में भी विधिवत दर्शन-पूजन किया।
मुख्यमंत्री जी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि श्री काशी विश्वनाथ धाम, काशी को वैश्विक पहचान देने की दृष्टि से तैयार हो गया है। यह सब प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में साकार हुआ है। लगभग 100 वर्ष पहले महात्मा गांधी जी 1916 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में आए थे। उस समय गांधी जी ने यहां की गलियों और दुर्व्यवस्था को देखकर तीखी टिप्पणी की थी, किन्तु 100 वर्षों तक किसी का ध्यान उस ओर नहीं गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री जी वर्ष 2014 में काशी आए थे तब उस समय उन्होंने कहा था कि ‘न मैं यहां आया हूं, न यहां लाया गया हूं, मुझे मां गंगा ने बुलाया है’। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मां गंगा को बाबा विश्वनाथ का सान्निध्य प्राप्त करना था, वही सान्निध्य प्राप्त करने के उद्देश्य से एक दुर्लभ क्षण काशीवासियों को पूरे देश से पधारे संतों की उपस्थिति में देश और दुनिया के श्रद्धालुओं को देखने सुनने को प्राप्त होगा। पूरी काशी अपने लोकप्रिय सांसद और देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री जी के स्वागत के लिए उत्सुक और आनंदित है। आज हर एक काशीवासी इस आनंद कानन का अनुभव काशी विश्वनाथ धाम के माध्यम से कर रहा है। श्री काशी विश्वनाथ धाम नये स्वरूप में बनकर तैयार हो चुका है। यह हम सभी का सौभाग्य है कि काशी विश्वनाथ धाम और उस पूरी परिकल्पना को साकार होते हुए हम सभी देख पा रहे हैं। हम सभी आदरणीय प्रधानमंत्री जी, पूज्य संतों, आगंतुकों सहित सभी अतिथियों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का अपना एक प्राचीन इतिहास है। लगभग 01 हजार वर्षों तक इस मंदिर ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। विदेशी आक्रांताओं के हमले को भी झेला है। उस सबके बावजूद श्री काशी विश्वनाथ धाम जिस बात का वास्तविक हकदार था, उसके लिए महिष्मती महारानी अहिल्याबाई जी ने, महाराणा रणजीत सिंह जी ने अपने-अपने समय में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि श्री काशी विश्वनाथ धाम का अलौकिक, भव्य एवं दिव्य दर्शन हर एक भारतवासी कर सके। साथ ही, उसकी भव्यता और दिव्यता को एक नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने का श्रेय प्रधानमंत्री जी को जा रहा है। उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी का हृदय से अभिनन्दन किया।
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