मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिये काम करने के आरोप में पकड़े गये आरोपियों से मिली जानकारी के बाद यूपी के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी।
त्रों का दावा तो यहां तक है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़ से गिरफ्तार भारतीय सेना का पूर्व जवान सौरभ शर्मा और गुजरात से पकड़ी गयी महिला एजेंट अनस गिटौली से सुरक्षा एजेंसियों को मिली खतरनाक जानकारियों के बाद उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी।
बताते हैं कि सौरभ शर्मा के पास से यूपी के धार्मिक स्थलों के जो चित्र और नक्शे बरामद हुये थे वह उसने अपने आकाओं तक पहुंचा दिया है। पाकिस्तान पोषित आतंकियों की मंशा ठीक नहीं है, वह यूपी में अशांति फैलाने के लिए विध्वंसक रणनीति तैयार कर चुके हैं। इसके लिये आईएसआई से जुड़े खतरनाक आतंकी गुर्गे नेपाल के रास्ते भारत मे घुसने की फिराक में हैं। यूपी सरकार ने गुरुवार की शाम को अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि, मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा में एक-एक पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी तैनात किये गये हैं। वाराणसी में तैनात पुलिस उपाधीक्षक अनिल राय, प्रदीप चंदेल और रत्नेश्वर सिंह पुलिस उपाधीक्षक सुरक्षा होंगे। इसी तरह मथुरा में तैनात पुलिस उपाधीक्षक कैलाशचंद पांडेय, ओम प्रकाश आर्य और राधमोहन शर्मा को पुलिस उपाधीक्षक सुरक्षा की कमान सौंपी गयी है, जबकि अयोध्या में तैनात पुलिस उपाधीक्षक जय प्रकाश सिंह को पुलिस उपाधीक्षक सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
पुलिस से जुड़े उच्य स्तरीय सूत्रों की मानें तो गणतंत्र दिवस के आस-पास नेपाल की सीमा से सटे रास्तों से आतंकी भारत में घुस सकते हैं। वह धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक स्थानों को निशाना बना सकते हैं। इससे पहले खुफिया रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सरकारी आवास पर सुरक्षा कड़ीं की जा चुकी है। 2017 में जब भाजपा की सरकार बनी थी तब कालीदास मार्ग आम जनता के लिये खुला था, लेकिन कुछ वर्षों में इसे आम जनता के लिये बंद कर दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल 2007 से 2012 तक सुरक्षा के मद्देनजर यह मार्ग आम जनता के लिये बंद था।