नयी दिल्ली। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने नेपाल की राह पर चलते हुए मंगलवार को उस विवादित नक्शे को मंजूरी दी है जिसमें कश्मीर को उसने पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया है। पाकिस्तान पहले सिर्फ पाक के कब्जे वाले कश्मीर को अपना हिस्सा बताता था। पर पड़ोसी देश ने इस नए नक्शे में लद्दाख, सियाचिन समेत गुजरात के जूनागढ़ तक पर अपना दावा ठोका है। पाकिस्तान द्वारा आज जारी उसके नये मानचित्र को भारत ने राजनीतिक बेहूदगी करार दिया है और कहा है कि इससे आतंकवाद के सहारे प्रादेशिक विस्तार की मंशा की पुष्टि हुई है।
विदेश मंत्रालय ने आज देर शाम यहां जारी एक बयान में कहा गया कि हमने पाकिस्तान के एक तथाकथित ‘राजनीतिक मानचित्र’ को देखा है जो प्रधान मंत्री इमरान खान द्वारा जारी किया गया है। यह राजनीतिक बेहूदगी की एक कवायद है जिसमें भारतीय राज्य गुजरात और केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख पर अवैध दावे किये गये हैं।”
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन हास्यास्पद दावों की न तो कानूनी वैधता है और न ही अंतर्राष्ट्रीय विश्वसनीयता। वास्तव में, यह उसकी ये नयी कोशिश केवल सीमा पार आतंकवाद के सहारे अपने प्रादेशिक विस्तार के कुत्सित इरादों की पुष्टि करती है।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्र के नाम संबोधन में इसे देश के इतिहास का सबसे ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद यह ‘आधिकारिक नक्शा’ होगा और स्कूल कालेजों में उपयोग किया जायेगा। पाकिस्तान सरकार ने विवादित नक्शा जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद से 370 के विशेष प्रावधानों और धारा 35 ए के खत्म किये जाने के एक वर्ष पूरा होने की पूर्व संध्या पर जारी किया है। पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।