मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। अपनी कठोर छवि के कारण पूरे देश मे एक अलग पहचान स्थापित करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपना गृह जनपद गोरखपुर नहीं सम्भल रहा है।
एक सहायक अभियंता को लेकर भाजपा विधायक और सांसद मिडियाबाजी कर रहे हैं। सब कुछ देखते हुए उत्तर प्रदेश का संगठन और सरकार का शीर्ष नेतृत्व किस बेबसी में चुप्पी साध लिया है यह रहस्य बन गया है। लोग चटकारे ले कर मजा ले रहे हैं। नगर विधायक डॉ राधामोहन दास अग्रवाल ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से एक सहायक अभियंता की शिकायत क्या किया। उनकी शिकायत पर उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने उक्त सहायक अभियंता को मौखिक आदेश से लखनऊ मुख्यालय संबद्ध कर दिया। फिर जो तूफान खड़ा हो गया वह भाजपा की पाखंडी सुचिता और ईमानदारी पर प्रश्न उठा रहे हैं।नये हालातों के चलते उपमुख्यमंत्री व राज्य के लोकनिर्माण विभाग के मुखिया धर्म संकट में आ गये। जिस सहायक अभियंता की नगर विधायक आरएमडी ने शिकायत किया था उसके समर्थन में भाजपा के चार विधायक व सांसद रविकिशन कूद गये। हालांकि एक विधायक बाद में यह कहते हुये अपने दावे को अलग किया कि विकास के लिए लड़ रहे विधायक के खिलाफ दूसरे विधायक को नहीं बोलना चाहिये। बाकी अन्य ने उसी सहायक अभियंता के पक्ष में चिट्ठी लिख कर उपमुख्यमंत्री को थमा दिया। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को गोरखपुर सदर के सांसद रविकिशन, विधायक विपिन सिंह, फतेह बहादुर सिंह, शीतल पांडेय व एक अन्य विधायक ने पत्र लिख कर कहा कि उक्त सहायक अभियंता का समर्थन कर दिया है। विधायक ने जहां जलभराव को लेकर एक इंजीनियर को हटाने की मांग की है वहीं सांसद ने प्रोजेक्ट पूरा होने तक उसे उसकी जगह पर बने रहने देने के लिए डिप्टी सीएम को पत्र लिखा है। बता दें कि गोरखपुर से देवरिया मार्ग पर उत्तर ओर बसी कालोनियों में जलभराव का है। विधायक डा.राधा मोहन दास अग्रवाल ने इस जलभराव के लिए सहायक अभियंता के.के.सिंह को जिम्मेदार ठहराते हुए डिप्टी सीएम और प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्य से उन्हें तत्काल हटाने की मांग की थी। बीते शनिवार को विधानसभा में भी उन्होंने जलभराव पर सवाल उठाया था। विधायक के मुताबिक उन्होंने इस सम्बन्ध में डिप्टी सीएम से मुलाकात की तो उन्होंने सहायक अभियंता को लखनऊ से अटैच करने का आदेश दिया। विधायक ने डिप्टी सीएम के साथ अपनी फोटो ट्वीट करके भी इसकी जानकारी दी थी। यह कार्यवाही अभी चल ही रही थी कि रविवार को सांसद ने अभियंता को उनके पद पर प्रोजेक्ट पूरा होने बने रहने देने के लिए डिप्टी सीएम को पत्र लिख दिया। सांसद ने तर्क दिया कि सहायक अभियंता को हटाए जाने से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता वाले गोरखपुर-देवरिया मार्ग के चौड़ीकरण का काम प्रभावित हो जाएगा। उन्होंने अभियंता को मेहनती, कर्मठ और दक्ष भी बताया। जलभराव की समस्या के बारे में उन्होंने कहा कि देवरिया रोड को ऊंचा किए जाने की वजह से यह समस्या नहीं हुई है। समस्या के समाधान के लिए ही नाले का निर्माण किया जा रहा है। बुधवार को यह मामला और गंभीर तब हो गया जब गोरखपुर की बांसगांव सीट से भाजपा सांसद कमलेश पासवान ने विधानसभा राधामोहन दास अग्रवाल का समर्थन कर दिया। इस संदर्भ में बात करने के लिये प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से कई बात कोशिश की गयी लेकिन समाचार लिखे जाने तक सहायक बात नहीं करा सका। संगठन महामंत्री सुनील बंसल भी लाइन पर नहीं आ सके।