ईडी का शिकंजा, कितनों को करेगा नंगा!

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मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। डिजिटल लेन-देन के बढ़ते प्रचलन में लाख दो लाख रुपये की लेन-देन पर आयकर विभाग चैन छीन लेता है।

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जबकि विकास दुबे ने केवल एक बैंक खाते से करोड़ों रुपए का लेनदेन कर रहा था और आयकर विभाग को खबर तक नहीं लगी। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तारी के बाद जब यूपी पुलिस विकास दुबे को लेकर आ रही थी तो कानपुर में हुए एक्सीडेंट के बाद पुलिस ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया। प्रवर्तन निदेशालय ने कानुपर पुलिस से गैंगस्टर विकास दुबे, उनके परिवार और करीबी सहयोगियों की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा मांगा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, विकास दुबे के एक सहयोगी ने दुबई और थाईलैंड में पेंटहाउस खरीदे थे जिसकी कीमत 30 करोड़ रुपए है। विकास दुबे ने पिछले तीन सालों में 14 देशों का यात्रा की।

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हाल ही में उसने लखनऊ में एक घर खरीदा है जिसकी कीमत 20 करोड़ रुपए से ऊपर है। इसके अलावा कानपुर के अंदर ब्रह्मनगर में छह मकान, आर्यनगर के एक अपार्टमेंट में आठ फ्लैट और पनकी में एक ड्यूप्लैक्स कोठी की जानकारी मिल चुकी है। इनकी अनुमानित कीमत 28 करोड़ रुपए बताई जा रही है। विकास और उसके सहयोगी के बीच बैंक के जरिए लेनदेन के ठोस सबूत मिल चुके हैं। इसके बावजूद आयकर विभाग को खबर नहीं लगी जबकि प्रदेश में बेनामी विंग की शाखा केवल कानपुर में ही नहीं है।

ईडी ने 7 जुलाई को कानपुर पुलिस को दिए एक शासकीय सूचना में विकास दुबे, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के प्रावधानों के तहत अचल और चल संपत्ति का विवरण एकत्र करने के निर्देश देने का आदेश दिया था। इसके अलावा ईडी ने इन सबके खिलाफ आपराधिक मामलों पर विवरण भी मांगा है।विकास के साथ पार्टनरशिप में धन बढ़ाने का सपना देखने वाले अफसर, व्यापारी व नेता उसकी मौत के बाद भले थोड़ा सा चैन महसूस कर रहे हों, लेकिन ईडी ने उसके करीबियों की कुंडली खंगालने के लिये ऐड़ी-चोटी एक कर दिया है। जल्द ही विकास से जुड़े लोगों तक बुरी खबर पहुंचने वाली है।सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ निर्देश दिया है कि कोई कितना भी ताकतवर हो जो विकास के साथ उसके आपराधिक कृत्यों में संलिप्त पाया जाय उसको कानून अपने तरीके से समझायेगा। विकास की मौत के बाद राज्य के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने साफ कर दिया कि बिकरु गांव में शहीदों की शहादत के जो लोग जिम्मेदार हैं उन्हें ऐसा सबक सिखायेंगे जिसे वह भूल नहीं पायेंगे। शहीदों की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जायेगी। बता दें कि विकास के साथियों की खोज में अभी भी एसटीएफ की 10 टीमों के अलावा यूपी पुलिस की 40 टीमें लगी हैं।

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