लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने यहां लोक भवन स्थित मीडिया सेल में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने 2016 से 35,818 ग्राम रोजगार सेवकों के लम्बित भुगतान हेतु 225.39 करोड़ रुपये का बटन दबाकर ऑननलाइन अन्तरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न जनपदों के ग्राम रोजगार सेवकों से संवाद कर उनकी कुशलक्षेम प्राप्त करने के साथ-साथ उनके कार्यक्षेत्र में संचालित मनरेगा कार्याें के सम्बन्ध में भी जानकारी ली। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कहा है कि ग्राम रोजगार सेवक वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में अधिक से अधिक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए गम्भीरता से कार्य करें। ग्राम रोजगार सेवकों द्वारा मोबाइल माॅनीटरिंग सिस्टम (एमएमएस) एप का प्रयोग करते हुए मनरेगा श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज की जाए। इससे मनरेगा कार्याें का संचालन व भुगतान आदि की कार्यवाही प्रभावी ढंग से सम्पन्न हो सकेगी।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि प्रदेश में बड़ी संख्या में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयां हैं। इन इकाइयों तथा मनरेगा के माध्यम से बड़ी संख्या में रोजगार पैदा किया जा सकता है। वर्तमान में महात्मा गांधी नरेगा योजना में प्रतिदिन लगभग 20 लाख रोजगार दिये जा रहे हैं, इसे बढ़ाकर प्रतिदिन 50 लाख श्रमिक किये जाने की आवश्यकता है। प्रदेश में फूलों की खेती की जाती है और फूलों से धूप व इत्र आदि बनाया जा सकता है। बेसिक शिक्षा में 1.80 करोड़ विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिन्हें स्कूल ड्रेस, स्वेटर आदि उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने अधिकारियों को ग्रामीण व शहरी आजीविका मिशन को प्रभावी ढंग से संचालित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा है कि मिशन से जुड़े महिला स्वयंसेवी समूहों की सदस्यों को प्रशिक्षण देकर इन कार्याें से जोड़ा जाए। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों के खेती के विविधीकरण हेतु प्रशिक्षण दिलाये जाने पर भी बल दिया है। उन्होंने बताया कि ग्राम्य विकास विभाग की ओर से कोविड केयर फण्ड में 03 करोड़ 70 लाख रुपये की धनराशि दी गई है।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये हंै कि सभी जरूरतमंद और पात्र लोगों को राशन कार्ड दिए जाएं। उन्होंने कहा है कि राज्य में आने वाले सभी प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को चरणबद्ध ढंग से राशन कार्ड उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों सहित किसी भी जरूरतमंद के पास राशन कार्ड न होने पर भी उन्हें खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी को भी भोजन अथवा खाद्यान्न की समस्या न होने पाए। उन्होंने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण में निगरानी समितियों की बड़ी भूमिका है। इसलिए सभी ग्राम पंचायतों तथा शहरी निकायों में वाॅर्ड स्तर पर बेहतर सर्विलांस के लिए निगरानी समितियों को सक्रिय किया जाए। निगरानी समितियां होम क्वारंटीन की अवधि में प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों के सर्विलांस का कार्य करेंगी। निगरानी समितियों के द्वारा यह भी सुनिश्चित कराया जाए कि कोई भी बाहरी व्यक्ति यदि चोरी-छिपे उनके क्षेत्र में आए तो वे प्रशासन को सूचित करें। बाद में, निगरानी समितियां वृक्षारोपण तथा खाद्यान्न वितरण में भी उपयोगी भूमिका निभा सकती हैं। निगरानी समितियों के कार्य के लिए एक मैकेनिज्म तैयार करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इस समिति में ग्राम प्रधान, ग्राम चैकीदार, आशा वर्कर स्वच्छाग्रही, युवक मंगल दल तथा नेहरू युवा केन्द्र के सदस्यों को शामिल किया जाए।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने जनपद आगरा, मेरठ तथा कानपुर नगर में लाॅकडाउन को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। सभी कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषक उत्पादक संगठन (एफ0पी0ओ0) को बढ़ावा दें तथा किसानों को कृषि विविधिकरण के लिए प्रशिक्षित करें। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना तथा मूल्य समर्थन योजना के तहत गेहूं क्रय केन्द्र की व्यवस्था को और बेहतर ढंग से लागू किया जाए। किसानों के हित में कुछ स्थानों पर निजी मण्डियों की स्थापना करायी जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव कृषि, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद तथा खाद्य आयुक्त को मण्डियों का निरीक्षण करके आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए टेस्टिंग और ट्रेनिंग पर विशेष बल दिया जाए। ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग तथा मेडिकल टीम की बेहतर ट्रेनिंग से संक्रमण को रोकने में बहुत सहायता मिलती है। स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा टेªनिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। चिकित्सा, पुलिस सहित सभी फ्रंट लाइन वर्कर्स के संक्रमण से बचाव के लिए सभी जरूरी उपाय किए जाएं। चिकित्सालयों में पी0पी0ई0 किट्स, एन-95 मास्क तथा सेनिटाइजर आदि की सुचारू उपलब्धता बनाई रखी जाए। सभी वेन्टीलेटर्स को क्रियाशील रखा जाए। नाॅन कोविड अस्पतालों में मेडिकल संक्रमण से बचाव के सभी प्रबन्ध करते हुए इमरजेंसी सेवाओं को तत्काल बहाल किया जाए।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने बरसात के मौसम मेें होने वाले संचारी रोगों की रोकथाम के लिए अभी से तैयारी प्रारम्भ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि संचारी रोगों से बचाव तथा उपचार एवं गर्मी के मौसम में सुचारू पेयजल व्यवस्था के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचारी रोगों की रोकथाम सम्बन्धी अन्तर्विभागीय बैठक का आयोजन इसी सप्ताह कराया जाए। इंसेफेलाइटिस की दृष्टि से संवेदनशील जनपदों में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को तैयार रखा जाए। श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने ग्राम्य विकास विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों में तथा नगर विकास विभाग को शहरी इलाकों में स्वच्छता एवं पेयजल व्यवस्था की जिम्मेदारी का निर्वहन करने के निर्देश दिए हैं।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए हैं कि क्वारंटीन सेण्टर व आश्रय स्थलों पर प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों के नाम, पता, टेलीफोन व दक्षता सम्बन्धी विवरण संकलित करते हुए स्किल मैपिंग का यह कार्य लगातार जारी रखा जाए। प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने में इस विवरण की उपयोगी भूमिका होगी। कोविड-19 के कारण प्रभावित हुईं आर्थिक गतिविधियों को बहाल करना आवश्यक है। इसके दृष्टिगत निवेश वृद्धि सम्बन्धी कार्यवाही को गति प्रदान की जाए। राजस्व वृद्धि के दृष्टिगत माइनिंग गतिविधियों में तेजी लायी जाए। हाॅटस्पाॅट क्षेत्रों के बाहर हार्डवेयर की दुकानों को खोलने की अनुमति दी जाए
श्री अवस्थी ने बताया कि देश में सबसे अधिक प्रवासी कामगार उत्तर प्रदेश में आये हैं। प्रदेश में अब तक 233 टेªन के माध्यम से लगभग 2,81,400 से अधिक प्रवासी कामगार एवं श्रमिक आये हैं। प्रदेश में विगत दिनों में आये कामगार एवं श्रमिकों को मेडिकल स्क्रीनिंग के उपरान्त खाद्यान्न देकर होम क्वारंटाइन हेतु घर भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में आज 12 टेªन आ चुकी हैं, वर्तमान में प्रदेश के 44 रेलवे स्टेशन पर टेªन का आवागमन हो रहा है। उन्होंने बताया कि लगभग 190 और टेªन, गुजरात से 48, महाराष्ट्र से 71, कर्नाटक से 02, पंजाब से 54, केरल से 01, आन्ध्र प्रदेश से 01, राजस्थान से 04, उड़ीसा से 02 तथा गोवा से 01 टेªन की अनुमति दी गई है जिनके माध्यम से 2,24,000 से अधिक श्रमिक आ सकेंगे। उन्होंने बताया कि पहली बार प्रदेश के अन्दर झांसी बाॅर्डर से 02 टेªन पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपद हेतु चलेगी। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश के विभिन्न जनपदों में गुजरात से 144, महाराष्ट्र से 31, पंजाब से 38, तेलंगाना से 04, केरल से 03, आन्ध्र प्रदेश से 02, मध्य प्रदेश से 01, कर्नाटक से 04 तथा राजस्थान से 01 टेªन के माध्यम से प्रवासी कामगार एवं श्रमिक को लाया गया है।
श्री अवस्थी ने बताया कि कोरोना वायरस के दृष्टिगत प्रदेश में लाॅक डाउन अवधि में पुलिस विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही में अब तक धारा 188 के तहत 43,028 लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई। प्रदेश में अब तक 36,51,188 वाहनांे की सघन चेकिंग में 38,950 वाहन सीज किये गये। चेकिंग अभियान के दौरान लगभग 17.34 करोड़ रूपए का शमन शुल्क वसूल किया गया। आवश्यक सेवाओं हेतु कुल 2,25,546 वाहनों के परमिट जारी किये गये हैं। उन्होंने बताया कि कालाबाजारी एवं जमाखोरी करने वाले 778 लोगों के खिलाफ 610 एफआईआर दर्ज करते हुए 280 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
श्री अवस्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की श्रमिक भरण-पोषण योजना के तहत निर्माण कार्यों से जुड़े, नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के लगभग
31.70 लाख श्रमिकों एवं निराश्रित व्यक्तियों को भी एक-एक हजार रूपए की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की 71,225 औद्योगिक इकाइयों से संपर्क किया गया, जिनमें से 67,427 इकाइयों द्वारा अपने कार्मिकों को रु0 1563.09 करोड़ के वेतन का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 45,563 ग्राम पंचायतों में लगभग 23.46 लाख अकुशल श्रमिकों के साथ कार्य कराये जा रहे हैं। इसके साथ ही ईंट-भट्ठों का कार्य भी यथावत चल रहा है। प्रदेश की आधे से अधिक चीनी मिलों में पेराई का कार्य पूरा कर लिया है।
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के 66 जनपदों में 1774 मामले एक्टिव हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 1759 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। अब तक प्रदेश के 74 जिलों से 3614 कोरोना पाॅजिटिव के मामले सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि कल 289 पूल टेस्टिंग मेें 1445 सैम्पल टेस्ट किये गयेे, जिसमें 32 पूल पाॅजीटिव पाये गये। प्रदेश में चिकित्सा विभाग की 70,129 सर्विलांस टीमों के माध्यम से लगभग 58.53 लाख घरों के सर्वेक्षण में 2.90 करोड़ लोगों का सर्वे कर लक्षण के आधार पर सैम्पलिंग की गई है। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु अलर्ट जनरेट होने पर 2722 लोगों को कन्ट्रोल रूम से काॅल किया गया और पाॅजीटिव पाये गये 10 लोगों का उपचार किया जा रहा है।
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