लखनऊ, 29 मई: एयू स्माल फाइनेंस बैंक ने कोविड का शिकार हुए मृत कर्मचारियों के परिवारों की ओर समय पर मदद का हाथ बढ़ा कर अपने त्रि-आयामी प्रिवेंशन-क्योर-सिक्योरिटी (पीसीएस) कार्यक्रम के साथ कुछ प्रमुख लाभ जोड़े हैं, जिससे यह कार्यक्रम सभी बैंकों के बीच सबसे व्यापक कर्मचारी कल्याण योजना बन गया है। अपने कर्मचारियों तथा उनके परिवारों को वित्तीय, मेडिकल और शैक्षिक सहायता प्रदान करना इस योजना का उद्देश्य है।
एयू स्माल फाइनेंस बैंक मुआवजे के रूप में मृतक कर्मचारी के निर्धारित वेतन की 50 प्रतिशत धनराशि उसके परिवार को दो साल तक प्रदान करता रहेगा, जिसकी अधिकतम सीमा 5,00,000 रुपए होगी। बैंक द्वारा उठाया गया एक अन्य महत्वपूर्ण कदम यह है कि उसने मृत कर्मचारियों के उत्तराधिकारियों को निवेश करने तथा निवेश न किए गए ईएसओपी को इस्तेमाल करने का अधिकार दे दिया है। इन दोनों उपायों का उद्देश्य उन कर्मचारियों के परिवारों को सहायता प्रदान करना है, जो कोविड-19 का शिकार हो कर दम तोड़ चुके हैं।
इसके अलावा मृत कर्मचारी (कोविड या अन्य किसी वजह के चलते हुई मौत) के बच्चों (दो संतानों तक) की ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई-लिखाई का खर्च बैंक जरूरत के आधार पर वहन करेगा। इस योजना के तहत बैंक प्री-ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के लिए दोनों बच्चों को अलग-अलग 5,000 रुपए तथा उनके ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान दोनों को अलग-अलग 10,000 रुपए प्रतिमाह देगा। यह विशाल शिक्षा-कोष संजय और ज्योति अग्रवाल फाउंडेशन तथा एयू बैंक के कर्मचारियों द्वारा प्रायोजित किया जाएगा। जिन कर्मचारियों की 1 अप्रैल, 2021 को या उसके बाद कोविड से मृत्यु हुई है, उनके परिवार के नजदीकी सदस्य इन सभी लाभों के पात्र होंगे।
बैंक ने ‘रोकथाम’ वाले दृष्टिकोण के तहत एक नई पहल भी पेश की है, जिसमें कर्मचारियों को मध्यावधि में ग्रुप मेडिक्लेम पॉलिसी के साथ अपने माता-पिता को नामांकित करने की अनुमति होगी।
ये लाभ बैंक द्वारा प्रदान की जा रही उस सहायता से बिल्कुल अलहदा हैं, जो लाइफ इंश्योरेंस, मेडिकल इंश्योरेंस तथा ब्याज मुक्त अग्रिम वेतन, पेड कोविड अवकाश और चिकित्सा की आपात स्थितियों के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने जैसे अन्य वैधानिक लाभों के माध्यम से पहले ही प्रदान की जा रही है।
“पिछले वर्ष पूरे विश्व में खो जाने वाली जिंदगियों और आजीविकाएं खत्म होने के चलते हम दुनिया के साथ एकजुट होकर खड़े हैं। इस साल हमने स्थायित्व वाली अपनी मुख्य पहल के तौर पर अपने कर्मचारियों को वित्तीय सहायता तथा अन्य मदद प्रदान करने के लिए प्रिवेंशन-क्योर-सिक्योरिटी (पीसीएस) कार्यक्रम शुरू किया है। पूरे भारत में कोविड-19 के मामलों की दूसरी लहर के साथ हमने देखा है कि अनगिनत परिवारों को कोई वित्तीय या चिकित्सकीय मदद नहीं मिल सकी। यद्यपि हम समझते हैं कि दुनिया की कोई भी वित्तीय मदद प्रियजनों की मौत की भरपाई नहीं कर सकती, लेकिन एक संगठन के रूप में हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम परिवारों के साथ खड़े हों, ताकि उन्हें अपने दुख से निजात पाने में मदद मिल सके और वे बेहतर कल की तैयारी कर सकें।“- कहना है एयू स्माल फाइनेंस बैंक के एमडी और सीईओ श्री संजय अग्रवाल का।
बैंक नामांकन के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है और उन कर्मचारियों की ओर से पहले वर्ष के लिए वार्षिक बीमा प्रीमियम का भुगतान भी करेगा, जो प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना जैसे कार्यक्रमों में तृतीय पक्ष के पेरोल पर स्टाफ समेत किसी भी योजना के तहत कवर नहीं किए गए हैं।
देश में कोविड के पॉजिटिव मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर बैंक ने एम्पलॉयी वेलफेयर, वेलबीइंग और हैप्पीनेस के लिए अपने एचआर विभाग के भीतर एक अलग प्रकोष्ठ की स्थापना की है, ताकि आइसोलेशन का सही बुनियादी ढांचा बनाने, गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने, परिवहन और दवा संबंधी जरूरतों को पूरा करने में सहायता की जा सके।
एयू स्माल फाइनेंस बैंक ने शुरू किया व्यापक कर्मचारी कल्याण कार्यक्रम
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