लखनऊ: 20 फरवरी, 2021, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने विश्वास व्यक्त किया कि केन्द्र एवं राज्य सरकार के साझा प्रयासों से देश एवं प्रदेश को विकास की नई दिशा प्राप्त होगी। कोरोना के चुनौतीपूर्ण कालखण्ड में देश को सशक्त नेतृत्व देने व प्रदेश सरकार के मार्गदर्शन के लिए प्रधानमंत्री जी का आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि गरीब, युवा, किसान, महिला एवं सभी वर्गों को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री जी द्वारा दिये गये सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र से भारत एक विश्व शक्ति के रूप में स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट अतुलनीय एवं विकासोन्मुखी है। यह बजट सर्वसमावेशी, सर्वकल्याणकारी और आत्मनिर्भर भारत की मंशा से देश के गांव, गरीब, किसान और नौजवान तथा समाज के प्रत्येक तबके के लिए लाभकारी होगा।
मुख्यमंत्री जी आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की छठी बैठक में अपने सरकारी आवास से वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग करते हुए विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विगत एक वर्ष में वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया, लेकिन प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में समय से लिए गए निर्णयों से देश आज सुरक्षित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा और समय-समय पर दिये गए मार्गदर्शन से राज्य सरकार ने इस आपदा को अवसर में बदलने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री जी द्वारा लागू गरीब कल्याण पैकेज के फलस्वरूप न केवल भारत के सभी जरूरतमंद नागरिकों को राहत मिली, बल्कि पूरे देश को एकता का एहसास कराते हुए ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संकल्प चरितार्थ हुआ। प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शी सोच के परिणामस्वरूप न केवल दो वैक्सीन विकसित कर पूरे देश को सुरक्षित किया गया, अपितु मित्र देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई गई। आज पूरे देश में वैक्सीन लगाये जाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश 10 लाख लोगों को कोविड-19 वैक्सीन लगाने वाला देश का प्रथम राज्य बन गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश द्वारा बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान के अन्तर्गत 500 से अधिक रिफॉर्म सफलतापूर्वक लागू करते हुए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में देश में 12वें स्थान से दूसरे स्थान पर आ गया है। निवेश प्रोत्साहन में गतिशीलता लाने के लिये 27 विभागों के साथ निवेश मित्र पोर्टल की स्थापना की गयी है, जिसमें अब तक 227 सेवाएं सम्मिलित की जा चुकी हैं। प्रदेश की सकारात्मक नीतियों के परिणामस्वरूप कोरोना काल में अब तक विभिन्न परियोजनाओं हेतु लगभग 60 हजार करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 06 हजार करोड़ रूपये की लागत के डेटा सेन्टर पार्क, 4800 करोड़ रुपए लागत वाली देश की पहली डिस्प्ले निर्माण यूनिट एवं आईकिया द्वारा 5500 करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य में उद्यमियों को भूमि उपलब्ध कराने हेतु ऑनलाइन लैण्ड बैंक विकसित करते हुए इसे भारत सरकार के इण्डस्ट्रियल इन्फॉर्मेशन सिस्टम से भी जोड़ा गया है। इसके द्वारा 5,590 भूखण्ड आवंटित किए जा चुके हैं। प्रदेश में निवेश कानूनों की समीक्षा कर प्रथम चरण में चिन्हित 80 नियामकीय अनुपालनों में से 62 को कम किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट में हस्ताक्षरित 4 लाख 68 हजार करोड़ रुपए के सहमति पत्रों के सापेक्ष लगभग 3 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं संचालित हो गई हैं। प्रदेश में डिफेन्स इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि यह कॉरिडोर प्रदेश विशेषकर बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास को नई दिशा प्रदान करेगा तथा रक्षा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इसके अन्तर्गत 7,410 करोड़ रुपये के 61 सहमति पत्र हस्ताक्षर करते हुए 15 कम्पनियों को भूमि आवंटित की गयी है। हाल ही में बैंगलूरू में आयोजित एयरो इण्डिया शो में 4,500 करोड़ रुपए के 13 नये सहमति पत्र हस्ताक्षरित किये गये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अन्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न बैंकों से समन्वय करके 12.94 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को 41,801 करोड़ रुपए के ऋण उपलब्ध कराए गए। पारम्परिक उद्योगों को बढ़ावा देते हुए स्थानीय स्तर पर रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने के लिए वर्ष 2018 से ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना प्रारम्भ की गई। इस योजना द्वारा सृजित ईको सिस्टम के परिणामस्वरूप पिछले 3 वर्षों में प्रदेश के निर्यात में लगभग 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 के माध्यम से रोजगार के अवसर सृजित करने हेतु गत 04 वर्षों में लगभग 50 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को वित्त पोषित कराते हुए लगभग 1.80 करोड़ से अधिक रोजगार के नये अवसर सृजित हुए हैं। एम0एस0एम0ई0 साथी पोर्टल व एप तथा नये एम0एस0एम0ई0 एक्ट को लागू कर इकाइयों की स्थापना हेतु सभी प्रकार की स्वीकृतियों को 1,000 दिन के लिए स्थगित करते हुए प्रदेश में ऐसी इकाइयों को लगाने की प्रक्रिया को सरलीकृत किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान लगभग 40 लाख से अधिक प्रदेश में लौटे प्रवासी तथा कामगारों को रोजगार संगम नाम से एक पोर्टल के माध्यम से उनके कौशल के आधार पर रोजगार सुलभ कराया गया। राज्य सरकार द्वारा विगत 04 वर्षों में 04 लाख से भी अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां उपलब्ध करायी गयीं। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तथा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर किया जा रहा है, जिससे प्रदेश का दादरी क्षेत्र देश के एक बड़े लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित होगा। देश का पहला राष्ट्रीय जलमार्ग वाराणसी से हल्दिया के बीच लगभग 1500 कि0मी0 में क्रियाशील है, जिससे कोयला, खाद्यान्न, सीमेंट, खाद्य तेल तथा बड़े कार्गो के परिवहन में मदद मिलेगी। इस जल मार्ग का कोरोना काल के दौरान प्रदेश से सब्जियों एवं फलों के निर्यात के लिए बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया। राज्य में दादरी, बोराकी तथा वाराणसी में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक/ट्रान्सपोर्ट हब की स्थापना की जा रही है। वाराणसी में देश का प्रथम फ्रेट विलेज लगभग 100 एकड़ क्षेत्र में विकसित हो रहा है। प्रदेश में ट्रकों के सुगम यातायात के लिए डिजिटल तकनीक का वृहद उपयोग किया जा रहा है। निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा वेयर हाउसिंग तथा लॉजिस्टिक्स नीति भी लागू की गयी है, जिसमें इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2016-17 में खाद्यान्न उत्पादन 558 लाख मी0 टन था, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 602 लाख मी० टन हो गया है। इस वित्तीय वर्ष में 5,896 क्रय केन्द्रों के माध्यम से 6.63 लाख किसानों से 35.76 लाख मी0 टन गेहूँ क्रय किया गया, जिसके सापेक्ष 6,885 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। साथ ही, कुल 12,78,900 किसानों से आज तक 66 लाख मी0 टन की रिकॉर्ड धान खरीद की गयी। ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ के अन्तर्गत योजना के आरम्भ से प्रदेश के लगभग 240 लाख किसानों को 27,134 करोड़ रुपये की धनराशि उनके खातों में डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरित की गयी है। प्रदेश में 62,122 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां हैं। केन्द्र एवं राज्य सरकार की सकारात्मक नीतियों के परिणामस्वरूप गत 04 वर्षों में प्रदेश में लगभग 10,500 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र सरकार की कृषि उत्पादक संगठन नीति (एफ0पी0ओ0) के पूरक के रूप में राज्य सरकार द्वारा कृषि उत्पादक संगठनों को प्रोत्साहित करने की नीति के अन्तर्गत प्रदेश के 825 विकास खण्डों में कम से कम 01 एफ0पी0ओ0 के गठन की कार्यवाही चल रही है। युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलम्बन (एग्री जंक्शन) योजना संचालित की जा रही है। अभी तक 3,504 एग्री जंक्शन स्थापित हो चुके हैं। गत तीन पेराई सत्रों एवं वर्तमान पेराई सत्र 2020-21 को सम्मिलित करते हुए 3,868 लाख टन गन्ने की पेराई कर 427.30 लाख टन चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन किया गया। राज्य सरकार ने लगभग 45.44 लाख गन्ना किसानों को 1.23 लाख करोड़ रुपए से अधिक का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य का भुगतान किया। वर्ष 2017-18 से 31 जनवरी, 2021 तक 54 डिस्टिलरीज के माध्यम से कुल 261.72 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन हुआ है। कोरोना काल के दौरान प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलें निरन्तर संचालित की गयीं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खाण्डसारी लाइसेंसिंग की विकासोन्मुखी नीति के फलस्वरूप ऑनलाइन लाइसेंस व्यवस्था प्रारम्भ करते हुए 25 वर्षों में प्रथम बार कुल 264 खाण्डसारी लाइसेंस निर्गत किए गए। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में 30 हजार रोजगार सृजन के साथ-साथ लगभग 65 हजार टी0सी0डी0 पेराई क्षमता का सृजन हुआ है। प्रदेश की 25 विलुप्तप्राय नदियों के पुनरुद्धार के कार्यक्रम को कन्वर्जेन्स के माध्यम से अभियान के रूप में लिया गया है। इससे नदियों के पुनरुद्धार के साथ ही कृषि एवं अन्य कार्यों हेतु जल की पर्याप्त उपलब्धता भी सुनिश्चित हो रही है। विगत तीन वर्षों में कुल 11 वृहद सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण कर 2.21 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन हुआ तथा 2.33 लाख किसान लाभान्वित हुए। वर्तमान वित्तीय वर्ष में कुल 09 परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य है, जिनसे 16.41 लाख हेक्टेयर की अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित होगी तथा
40.48 लाख कृषक लाभान्वित होंगे। ‘पर ड्रॉप मोर क्रोप-माइक्रो इरीगेशन’ के अन्तर्गत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई द्वारा जल संचयन एवं गुणवतायुक्त उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु 70,379 हेक्टेयर में 1,10,284 किसानों द्वारा ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई की स्थापना करायी गयी है। प्रदेश, विशेष रूप से बुन्देलखण्ड क्षेत्र में जल संरक्षण को बढ़ावा देने व कृषकों की सिंचाई सुविधा हेतु वर्ष 2017 से अब तक 13,205 खेत तालाबों का निर्माण कराया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के अन्तर्राष्ट्रीय/अन्तर्राज्यीय सीमाओं पर पड़ने वाले मार्ग तथा सभी जिला मुख्यालय 4 लेन मार्ग से जोड़े जा चुके हैं। अनजुड़े तहसील एवं विकास खण्ड मुख्यालयों को 02 लेन मार्गों से जोड़ने का कार्य तेजी से कराया जा रहा है। प्रदेश में 17 एयरपोर्ट टर्मिनल्स को कम से कम 2 लेन मार्ग से जोड़ा जा रहा है। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के अन्तर्गत प्रदेश में दिल्ली गाजियाबाद-मेरठ कॉरीडोर का निर्माण प्रगति पर है, जिसके प्राथमिक सेक्शन का परिचालन वर्ष 2023 से लक्षित है। कानपुर तथा आगरा जनपदों में मेट्रो रेल परियोजना का कार्य तेजी से चल रहा है। गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, झांसी एवं मेरठ में मेट्रो लाइट/मेट्रो नियो की स्थापना पर गम्भीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश 05 वृहद एक्सप्रेस-वे वाला देश का प्रमुख राज्य हो गया है। एक्सप्रेस-वे निर्माण को प्राथमिकता प्रदान करते हुए बुन्देलखण्ड एवं पूर्वांचल सहित अन्य दूरस्थ एवं असेवित क्षेत्रों में विकास एवं रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से, पूर्व में निर्मित लगभग 467 किलोमीटर कुल लम्बाई के दो एक्सप्रेस-वे के अतिरिक्त, हम 1,322 किलोमीटर कुल लम्बाई के एक्सप्रेस-वे का निर्माण करा रहे हैं। राज्य सरकार प्रत्येक क्षेत्र को हवाई सेवाओं से जोड़ते हुए आम नागरिकों को सस्ती, सुलभ, सुरक्षित हवाई सेवाएँ प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है। जनपद गौतमबुद्धनगर के जेवर में विश्वस्तरीय अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास के साथ ही कुशीनगर हवाई अड्डा अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों हेतु लगभग तैयार हो चुका है। राज्य में शीघ्र ही 05 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे-लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर, गौतमबुद्धनगर व अयोध्या में उपलब्ध हो जाएंगे। वर्तमान में 07 हवाई अड्डे-लखनऊ, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर, प्रयागराज व हिण्डन में क्रियाशील हैं तथा बरेली हवाई अड्डे से उड़ानें दिनांक 8 मार्च, 2021 से शुरू हो रही हैं। 10 अन्य स्थानों पर एयरपोर्ट का विकास विभिन्न चरणों में है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण एवं शहरी तथा मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवासहीन व्यक्तियों को प्राथमिकता देते हुए अभी तक लगभग 40 लाख से अधिक आवासों का निर्माण कराया गया है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अन्तर्गत 8.36 लाख चिन्हित शहरी पथ विक्रेताओं में से 4.37 लाख शहरी पथ विक्रेताओं को ऋण स्वीकृत कराया जा चुका है तथा 3.72 लाख पथ विक्रेताओं को क्रियाशील पूंजी उपलब्ध कराई जा चुकी है। अयोध्या नगरी समेत प्रदेश के समस्त आध्यात्मिक/सांस्कृतिक शहरों का सर्वांगीण विकास प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इन स्थलों के विकास से न केवल पर्यटन की अपार संभावनाएं उपलब्ध होंगी, बल्कि प्रदेश के लाखों युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध हो पाएगा। प्रदेश में भारत सरकार की योजना के अन्तर्गत 10 स्मार्ट सिटी तथा राज्य सरकार की योजना के अन्तर्गत 07 स्मार्ट सिटी विकसित करने का लक्ष्य है, जिसके अन्तर्गत विश्वस्तरीय आधारभूत संरचनाआंे को स्थापित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के विकास में ऊर्जा क्षेत्र की अग्रणी भूमिका है। विद्युत आपूर्ति में अभूतपूर्व सुधार लाते हुए वर्तमान में जिला मुख्यालयों पर 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों पर 21 घण्टे 30 मिनट व गांवों में 18 घण्टे निर्धारित रोस्टर के अनुसार विद्युत आपूर्ति की जा रही है। पारेषण एवं वितरण तंत्र को सुदृढ़ करते हुए मार्च, 2017 से अब तक 110 पारेषण उपकेन्द्र व 656 नये वितरण उपकेन्द्र स्थापित किए गए हैं तथा 1,216 विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता बढ़ाई गई है। साथ ही, कुल 3,960 मेगावॉट क्षमता की 6 विद्युत उत्पादन इकाइयों में उत्पादन मार्च, 2021 से जून, 2022 तक प्रारम्भ किया जाना लक्षित है। अप्रैल, 2017 से अब तक कुल 138.01 लाख विद्युत संयोजन देते हुए 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाने का कार्य चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु स्वयं सहायता समूहों, जन सुविधा केन्द्र, सहकारी समितियों, राशन की दुकान एवं बिलिंग एजेन्सी के मीटर रीडरों के माध्यम से विद्युत देयों के भुगतान/प्राप्ति का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य के सभी जनपदों में मिशन प्रेरणा कार्यक्रम संचालित है, जिसके अन्तर्गत शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु सुविचारित कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। विभिन्न स्रोतों से कन्वर्जेन्स के माध्यम से ऑपरेशन कायाकल्प कार्यक्रम संचालित है, जिसके माध्यम से 01 लाख 35 हजार विद्यालयों में 18 मूलभूत सुविधाओं का संतृप्तिकरण मार्च, 2022 तक किए जाने की कार्यवाही गतिमान है। सरकार द्वारा आउट ऑफ स्कूल बच्चों का चिन्हीकरण एवं नामांकन करते हुए शारदा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन ट्रैकिंग की जा रही है। इसी प्रकार दिव्यांग बच्चों का चिन्हीकरण एवं नामांकन करते हुए ‘समर्थ’ प्रणाली से ऑनलाइन ट्रैकिंग की जा रही है। शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए लगभग 01 लाख 20 हजार प्राथमिक शिक्षकांे की भर्ती पारदर्शी ऑनलाइन प्रणाली से करते हुए इनकी तैनाती एवं स्थानान्तरण भी ऑनलाइन कर दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उच्च शिक्षा के विस्तार हेतु 3 नये राज्य विश्वविद्यालयों एवं 51 राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है। निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 प्रख्यापित किया गया है। कक्षा 9 से 12 के छात्रों को औपचारिक शिक्षण के साथ ही व्यावसायिक प्रशिक्षण देने के लिए हब स्पोक मॉडल तैयार किया गया है। आभा (आत्मनिर्भर भारत) मोबाइल एप्लीकेशन का विकास कर प्रवासी श्रमिकों को आजीविका अर्जित करने हेतु कौशल उन्नयन की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के 50 हजार युवाओं को यू0एस0 बेस्ड ऑनलाइन लर्निंग प्लैटफॉर्म-कोर्सेरा के माध्यम से निःशुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 36 विभागों की 259 सेवाएं ऑनलाइन कर दी गयी हैं। राशन की दुकानों में ई-पॉस मशीनों के माध्यम से राशन वितरण कराया जा रहा है। इससे प्रत्येक वर्ष लगभग 1,200 करोड़ रुपए की बचत हो रही है। प्रदेश में स्थापित 60 हजार से अधिक कॉमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को सरकार की विभिन्न ऑनलाइन सेवाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है। जन-सुनवाई पोर्टल पर 1.5 करोड़ (98 प्रतिशत) तथा सी0एम0 हेल्पलाइन-1076 में करीब 65 लाख (98 प्रतिशत) शिकायतों के सफलतापूर्वक निष्पादन में सहायता मिली है। प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य, कृषि, समाज कल्याण इत्यादि विभागों की लाभार्थीपरक योजनाओं में लाभार्थियों को धन हस्तान्तरण अब डी0बी0टी0 के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खातों में किया जा रहा है। गन्ना किसानों की पर्चियों को तकनीक से जोड़कर ऑनलाइन कर दिया गया है। प्रत्येक गांव में बी0सी0 सखी को ऑनलाइन बैंकिंग से जोड़कर दूरस्थ क्षेत्रों में नागरिकों तक बैंकिंग सुविधाएं आसानी से पहुंचाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पुष्टाहार वितरण की निगरानी हेतु एक समेकित पोर्टल तथा कॉल सेंटर प्रारम्भ किया गया है। साथ ही, विकेन्द्रीकृत व्यवस्था के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अनुपूरक पुष्टाहार उपलब्ध कराया जा रहा है। सिंगल स्टेज परिवहन व्यवस्था के अन्तर्गत भारतीय खाद्य निगम के डिपो से सीधे उचित दर विक्रेताओं को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। जेम पोर्टल के माध्यम से सभी सरकारी सामग्री एवं सेवाओं की खरीद को अनिवार्य किया गया है। सेवाओं को जेम पोर्टल के माध्यम से प्राप्त करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। जेम पोर्टल पर 01 लाख से अधिक रजिस्टर्ड डीलर्स के माध्यम से सेवाओं एवं सामग्रियों की खरीदारी प्रक्रिया को पारदर्शी एवं भ्रष्टाचारमुक्त बनाते हुए लगभग 08 हजार करोड़ रुपए के क्रय आदेश निर्गत किये गये हैं। महत्वाकांक्षी जनपदों के रूपान्तरण कार्यक्रम के अनुरूप प्रदेश में 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों का चिन्हांकन किया गया है, जिनमें प्रगति का आंकलन महत्वाकांक्षी जनपदों के रूपान्तरण कार्यक्रम के अनुरूप किया जाना परिकल्पित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मस्तिष्क ज्वर जैसी गम्भीर बीमारी का प्रकोप प्रदेश में अब लगभग समाप्त हो चुका है। गत 4 वर्षों से अंतर्विभागीय समन्वय करते हुए स्वच्छता अभियान चलाकर एवं स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया गया, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2020 में मृतकों की संख्या में 90 प्रतिशत की अभूतपूर्व कमी आयी है। प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए प्रत्येक रविवार को ग्रामीण एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आयोजित मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों के माध्यम से अब तक 26 लाख 79 हजार रोगी लाभान्वित हुए तथा 66 हजार से अधिक गम्भीर रोगियों को उच्च केन्द्रों पर सन्दर्भित किया गया। आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 9,923 हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के लक्ष्य के सापेक्ष 7,175 (72 प्रतिशत) सेंटरों को क्रियाशील किया जा चुका है। एम्बुलेस सेवा के रिस्पॉन्स टाइम को 15-20 मिनट करने के लिए ‘108’ एम्बुलेंस सेवा का विस्तार करते हुए 2,200 एम्बुलेंस संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही 250 एडवान्स लाइफ सपोर्ट एम्बुलेस का निःशुल्क संचालन भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रमों एवं परीक्षाओं में एकरूपता लाने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। प्रदेश में वर्ष 2017 तक मात्र 12 जनपदों में राजकीय मेडिकल कॉलेजों/संस्थान संचालित थे तथा वर्तमान में 30 और जिलों में राजकीय मेडिकल कॉलेज/संस्थान का निर्माण कार्य प्रगति पर है। प्रदेश में उत्कृष्ट चिकित्सा शिक्षा हेतु गोरखपुर एवं रायबरेली जनपदों में एम्स स्थापित हैं। जनपद वाराणसी में भी एम्स की तर्ज पर चिकित्सा संस्थान स्थापित किया जा रहा है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में प्रदेश की प्रथम रोबोटिक सर्जरी की व्यवस्था की गई। सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु राजकीय मेडिकल कॉलेज गोरखपुर, झांसी, मेरठ व प्रयागराज में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक की स्थापना की गई तथा कानपुर व आगरा में स्पेशियलिटी ब्लॉक निर्माणाधीन हैं। योग एवं नैचुरोपैथी में उत्कृष्ट शोध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक आयुष विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है। आयुष मिशन के माध्यम से भारत सरकार द्वारा स्वीकृत कुल 195 योग वेलनेस केन्द्र की स्थापना के सापेक्ष 183 योग वेलनेस केन्द्र क्रियान्वित किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के शुभारम्भ के पूर्व मात्र 1.9 प्रतिशत परिवार ही एफ0एच0टी0सी0 (फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन) से आच्छादित थे, जो अब बढ़कर 9.5 प्रतिशत तक पहुंच चुके हैं। इस अवधि में 25 लाख से अधिक एफ0एच0टी0सी0 दिए गए हैं। बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य के सम्पूर्ण क्षेत्र को पाइप पेयजल योजनाओं से आच्छादित करने हेतु 68 सतही जल आधारित परियोजनाओं में कार्य प्रारम्भ हो गया है। प्रधानमंत्री जी के संकल्प के अनुरूप वर्ष 2024 तक 100 प्रतिशत एफ0एच0टी0सी0 उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। किशोरी बालिका योजना प्रदेश के सभी 75 जनपदों में लागू की गई है। इसके अन्तर्गत वर्तमान में 11 से 14 वर्ष आयु की स्कूल न जाने वाली 02 लाख 04 हजार से अधिक किशोरियां लाभान्वित हुईं। आयरन की कमी तथा कुपोषण को दूर करने हेतु पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में जनपद चन्दौली में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत फोर्टीफाइड राइस का वितरण माह जनवरी, 2021 से प्रारम्भ कराया गया। चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के समस्त जनपदों में इसका वितरण कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा और समय-समय पर दिये गए मार्गदर्शन से राज्य सरकार ने इस आपदा को अवसर में बदलने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री जी द्वारा लागू गरीब कल्याण पैकेज के फलस्वरूप न केवल भारत के सभी जरूरतमंद नागरिकों को राहत मिली, बल्कि पूरे देश को एकता का एहसास कराते हुए ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संकल्प चरितार्थ हुआ। प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शी सोच के परिणामस्वरूप न केवल दो वैक्सीन विकसित कर पूरे देश को सुरक्षित किया गया, अपितु मित्र देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई गई। आज पूरे देश में वैक्सीन लगाये जाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश 10 लाख लोगों को कोविड-19 वैक्सीन लगाने वाला देश का प्रथम राज्य बन गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश द्वारा बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान के अन्तर्गत 500 से अधिक रिफॉर्म सफलतापूर्वक लागू करते हुए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में देश में 12वें स्थान से दूसरे स्थान पर आ गया है। निवेश प्रोत्साहन में गतिशीलता लाने के लिये 27 विभागों के साथ निवेश मित्र पोर्टल की स्थापना की गयी है, जिसमें अब तक 227 सेवाएं सम्मिलित की जा चुकी हैं। प्रदेश की सकारात्मक नीतियों के परिणामस्वरूप कोरोना काल में अब तक विभिन्न परियोजनाओं हेतु लगभग 60 हजार करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 06 हजार करोड़ रूपये की लागत के डेटा सेन्टर पार्क, 4800 करोड़ रुपए लागत वाली देश की पहली डिस्प्ले निर्माण यूनिट एवं आईकिया द्वारा 5500 करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य में उद्यमियों को भूमि उपलब्ध कराने हेतु ऑनलाइन लैण्ड बैंक विकसित करते हुए इसे भारत सरकार के इण्डस्ट्रियल इन्फॉर्मेशन सिस्टम से भी जोड़ा गया है। इसके द्वारा 5,590 भूखण्ड आवंटित किए जा चुके हैं। प्रदेश में निवेश कानूनों की समीक्षा कर प्रथम चरण में चिन्हित 80 नियामकीय अनुपालनों में से 62 को कम किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट में हस्ताक्षरित 4 लाख 68 हजार करोड़ रुपए के सहमति पत्रों के सापेक्ष लगभग 3 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं संचालित हो गई हैं। प्रदेश में डिफेन्स इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि यह कॉरिडोर प्रदेश विशेषकर बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास को नई दिशा प्रदान करेगा तथा रक्षा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इसके अन्तर्गत 7,410 करोड़ रुपये के 61 सहमति पत्र हस्ताक्षर करते हुए 15 कम्पनियों को भूमि आवंटित की गयी है। हाल ही में बैंगलूरू में आयोजित एयरो इण्डिया शो में 4,500 करोड़ रुपए के 13 नये सहमति पत्र हस्ताक्षरित किये गये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अन्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न बैंकों से समन्वय करके 12.94 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को 41,801 करोड़ रुपए के ऋण उपलब्ध कराए गए। पारम्परिक उद्योगों को बढ़ावा देते हुए स्थानीय स्तर पर रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने के लिए वर्ष 2018 से ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना प्रारम्भ की गई। इस योजना द्वारा सृजित ईको सिस्टम के परिणामस्वरूप पिछले 3 वर्षों में प्रदेश के निर्यात में लगभग 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 के माध्यम से रोजगार के अवसर सृजित करने हेतु गत 04 वर्षों में लगभग 50 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को वित्त पोषित कराते हुए लगभग 1.80 करोड़ से अधिक रोजगार के नये अवसर सृजित हुए हैं। एम0एस0एम0ई0 साथी पोर्टल व एप तथा नये एम0एस0एम0ई0 एक्ट को लागू कर इकाइयों की स्थापना हेतु सभी प्रकार की स्वीकृतियों को 1,000 दिन के लिए स्थगित करते हुए प्रदेश में ऐसी इकाइयों को लगाने की प्रक्रिया को सरलीकृत किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान लगभग 40 लाख से अधिक प्रदेश में लौटे प्रवासी तथा कामगारों को रोजगार संगम नाम से एक पोर्टल के माध्यम से उनके कौशल के आधार पर रोजगार सुलभ कराया गया। राज्य सरकार द्वारा विगत 04 वर्षों में 04 लाख से भी अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां उपलब्ध करायी गयीं। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तथा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर किया जा रहा है, जिससे प्रदेश का दादरी क्षेत्र देश के एक बड़े लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित होगा। देश का पहला राष्ट्रीय जलमार्ग वाराणसी से हल्दिया के बीच लगभग 1500 कि0मी0 में क्रियाशील है, जिससे कोयला, खाद्यान्न, सीमेंट, खाद्य तेल तथा बड़े कार्गो के परिवहन में मदद मिलेगी। इस जल मार्ग का कोरोना काल के दौरान प्रदेश से सब्जियों एवं फलों के निर्यात के लिए बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया। राज्य में दादरी, बोराकी तथा वाराणसी में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक/ट्रान्सपोर्ट हब की स्थापना की जा रही है। वाराणसी में देश का प्रथम फ्रेट विलेज लगभग 100 एकड़ क्षेत्र में विकसित हो रहा है। प्रदेश में ट्रकों के सुगम यातायात के लिए डिजिटल तकनीक का वृहद उपयोग किया जा रहा है। निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा वेयर हाउसिंग तथा लॉजिस्टिक्स नीति भी लागू की गयी है, जिसमें इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2016-17 में खाद्यान्न उत्पादन 558 लाख मी0 टन था, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 602 लाख मी० टन हो गया है। इस वित्तीय वर्ष में 5,896 क्रय केन्द्रों के माध्यम से 6.63 लाख किसानों से 35.76 लाख मी0 टन गेहूँ क्रय किया गया, जिसके सापेक्ष 6,885 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। साथ ही, कुल 12,78,900 किसानों से आज तक 66 लाख मी0 टन की रिकॉर्ड धान खरीद की गयी। ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ के अन्तर्गत योजना के आरम्भ से प्रदेश के लगभग 240 लाख किसानों को 27,134 करोड़ रुपये की धनराशि उनके खातों में डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरित की गयी है। प्रदेश में 62,122 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां हैं। केन्द्र एवं राज्य सरकार की सकारात्मक नीतियों के परिणामस्वरूप गत 04 वर्षों में प्रदेश में लगभग 10,500 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र सरकार की कृषि उत्पादक संगठन नीति (एफ0पी0ओ0) के पूरक के रूप में राज्य सरकार द्वारा कृषि उत्पादक संगठनों को प्रोत्साहित करने की नीति के अन्तर्गत प्रदेश के 825 विकास खण्डों में कम से कम 01 एफ0पी0ओ0 के गठन की कार्यवाही चल रही है। युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलम्बन (एग्री जंक्शन) योजना संचालित की जा रही है। अभी तक 3,504 एग्री जंक्शन स्थापित हो चुके हैं। गत तीन पेराई सत्रों एवं वर्तमान पेराई सत्र 2020-21 को सम्मिलित करते हुए 3,868 लाख टन गन्ने की पेराई कर 427.30 लाख टन चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन किया गया। राज्य सरकार ने लगभग 45.44 लाख गन्ना किसानों को 1.23 लाख करोड़ रुपए से अधिक का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य का भुगतान किया। वर्ष 2017-18 से 31 जनवरी, 2021 तक 54 डिस्टिलरीज के माध्यम से कुल 261.72 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन हुआ है। कोरोना काल के दौरान प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलें निरन्तर संचालित की गयीं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खाण्डसारी लाइसेंसिंग की विकासोन्मुखी नीति के फलस्वरूप ऑनलाइन लाइसेंस व्यवस्था प्रारम्भ करते हुए 25 वर्षों में प्रथम बार कुल 264 खाण्डसारी लाइसेंस निर्गत किए गए। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में 30 हजार रोजगार सृजन के साथ-साथ लगभग 65 हजार टी0सी0डी0 पेराई क्षमता का सृजन हुआ है। प्रदेश की 25 विलुप्तप्राय नदियों के पुनरुद्धार के कार्यक्रम को कन्वर्जेन्स के माध्यम से अभियान के रूप में लिया गया है। इससे नदियों के पुनरुद्धार के साथ ही कृषि एवं अन्य कार्यों हेतु जल की पर्याप्त उपलब्धता भी सुनिश्चित हो रही है। विगत तीन वर्षों में कुल 11 वृहद सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण कर 2.21 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन हुआ तथा 2.33 लाख किसान लाभान्वित हुए। वर्तमान वित्तीय वर्ष में कुल 09 परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य है, जिनसे 16.41 लाख हेक्टेयर की अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित होगी तथा
40.48 लाख कृषक लाभान्वित होंगे। ‘पर ड्रॉप मोर क्रोप-माइक्रो इरीगेशन’ के अन्तर्गत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई द्वारा जल संचयन एवं गुणवतायुक्त उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु 70,379 हेक्टेयर में 1,10,284 किसानों द्वारा ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई की स्थापना करायी गयी है। प्रदेश, विशेष रूप से बुन्देलखण्ड क्षेत्र में जल संरक्षण को बढ़ावा देने व कृषकों की सिंचाई सुविधा हेतु वर्ष 2017 से अब तक 13,205 खेत तालाबों का निर्माण कराया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के अन्तर्राष्ट्रीय/अन्तर्राज्यीय सीमाओं पर पड़ने वाले मार्ग तथा सभी जिला मुख्यालय 4 लेन मार्ग से जोड़े जा चुके हैं। अनजुड़े तहसील एवं विकास खण्ड मुख्यालयों को 02 लेन मार्गों से जोड़ने का कार्य तेजी से कराया जा रहा है। प्रदेश में 17 एयरपोर्ट टर्मिनल्स को कम से कम 2 लेन मार्ग से जोड़ा जा रहा है। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के अन्तर्गत प्रदेश में दिल्ली गाजियाबाद-मेरठ कॉरीडोर का निर्माण प्रगति पर है, जिसके प्राथमिक सेक्शन का परिचालन वर्ष 2023 से लक्षित है। कानपुर तथा आगरा जनपदों में मेट्रो रेल परियोजना का कार्य तेजी से चल रहा है। गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, झांसी एवं मेरठ में मेट्रो लाइट/मेट्रो नियो की स्थापना पर गम्भीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश 05 वृहद एक्सप्रेस-वे वाला देश का प्रमुख राज्य हो गया है। एक्सप्रेस-वे निर्माण को प्राथमिकता प्रदान करते हुए बुन्देलखण्ड एवं पूर्वांचल सहित अन्य दूरस्थ एवं असेवित क्षेत्रों में विकास एवं रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से, पूर्व में निर्मित लगभग 467 किलोमीटर कुल लम्बाई के दो एक्सप्रेस-वे के अतिरिक्त, हम 1,322 किलोमीटर कुल लम्बाई के एक्सप्रेस-वे का निर्माण करा रहे हैं। राज्य सरकार प्रत्येक क्षेत्र को हवाई सेवाओं से जोड़ते हुए आम नागरिकों को सस्ती, सुलभ, सुरक्षित हवाई सेवाएँ प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है। जनपद गौतमबुद्धनगर के जेवर में विश्वस्तरीय अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास के साथ ही कुशीनगर हवाई अड्डा अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों हेतु लगभग तैयार हो चुका है। राज्य में शीघ्र ही 05 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे-लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर, गौतमबुद्धनगर व अयोध्या में उपलब्ध हो जाएंगे। वर्तमान में 07 हवाई अड्डे-लखनऊ, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर, प्रयागराज व हिण्डन में क्रियाशील हैं तथा बरेली हवाई अड्डे से उड़ानें दिनांक 8 मार्च, 2021 से शुरू हो रही हैं। 10 अन्य स्थानों पर एयरपोर्ट का विकास विभिन्न चरणों में है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण एवं शहरी तथा मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवासहीन व्यक्तियों को प्राथमिकता देते हुए अभी तक लगभग 40 लाख से अधिक आवासों का निर्माण कराया गया है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अन्तर्गत 8.36 लाख चिन्हित शहरी पथ विक्रेताओं में से 4.37 लाख शहरी पथ विक्रेताओं को ऋण स्वीकृत कराया जा चुका है तथा 3.72 लाख पथ विक्रेताओं को क्रियाशील पूंजी उपलब्ध कराई जा चुकी है। अयोध्या नगरी समेत प्रदेश के समस्त आध्यात्मिक/सांस्कृतिक शहरों का सर्वांगीण विकास प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इन स्थलों के विकास से न केवल पर्यटन की अपार संभावनाएं उपलब्ध होंगी, बल्कि प्रदेश के लाखों युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध हो पाएगा। प्रदेश में भारत सरकार की योजना के अन्तर्गत 10 स्मार्ट सिटी तथा राज्य सरकार की योजना के अन्तर्गत 07 स्मार्ट सिटी विकसित करने का लक्ष्य है, जिसके अन्तर्गत विश्वस्तरीय आधारभूत संरचनाआंे को स्थापित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के विकास में ऊर्जा क्षेत्र की अग्रणी भूमिका है। विद्युत आपूर्ति में अभूतपूर्व सुधार लाते हुए वर्तमान में जिला मुख्यालयों पर 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों पर 21 घण्टे 30 मिनट व गांवों में 18 घण्टे निर्धारित रोस्टर के अनुसार विद्युत आपूर्ति की जा रही है। पारेषण एवं वितरण तंत्र को सुदृढ़ करते हुए मार्च, 2017 से अब तक 110 पारेषण उपकेन्द्र व 656 नये वितरण उपकेन्द्र स्थापित किए गए हैं तथा 1,216 विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता बढ़ाई गई है। साथ ही, कुल 3,960 मेगावॉट क्षमता की 6 विद्युत उत्पादन इकाइयों में उत्पादन मार्च, 2021 से जून, 2022 तक प्रारम्भ किया जाना लक्षित है। अप्रैल, 2017 से अब तक कुल 138.01 लाख विद्युत संयोजन देते हुए 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाने का कार्य चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु स्वयं सहायता समूहों, जन सुविधा केन्द्र, सहकारी समितियों, राशन की दुकान एवं बिलिंग एजेन्सी के मीटर रीडरों के माध्यम से विद्युत देयों के भुगतान/प्राप्ति का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य के सभी जनपदों में मिशन प्रेरणा कार्यक्रम संचालित है, जिसके अन्तर्गत शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु सुविचारित कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। विभिन्न स्रोतों से कन्वर्जेन्स के माध्यम से ऑपरेशन कायाकल्प कार्यक्रम संचालित है, जिसके माध्यम से 01 लाख 35 हजार विद्यालयों में 18 मूलभूत सुविधाओं का संतृप्तिकरण मार्च, 2022 तक किए जाने की कार्यवाही गतिमान है। सरकार द्वारा आउट ऑफ स्कूल बच्चों का चिन्हीकरण एवं नामांकन करते हुए शारदा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन ट्रैकिंग की जा रही है। इसी प्रकार दिव्यांग बच्चों का चिन्हीकरण एवं नामांकन करते हुए ‘समर्थ’ प्रणाली से ऑनलाइन ट्रैकिंग की जा रही है। शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए लगभग 01 लाख 20 हजार प्राथमिक शिक्षकांे की भर्ती पारदर्शी ऑनलाइन प्रणाली से करते हुए इनकी तैनाती एवं स्थानान्तरण भी ऑनलाइन कर दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उच्च शिक्षा के विस्तार हेतु 3 नये राज्य विश्वविद्यालयों एवं 51 राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है। निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 प्रख्यापित किया गया है। कक्षा 9 से 12 के छात्रों को औपचारिक शिक्षण के साथ ही व्यावसायिक प्रशिक्षण देने के लिए हब स्पोक मॉडल तैयार किया गया है। आभा (आत्मनिर्भर भारत) मोबाइल एप्लीकेशन का विकास कर प्रवासी श्रमिकों को आजीविका अर्जित करने हेतु कौशल उन्नयन की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के 50 हजार युवाओं को यू0एस0 बेस्ड ऑनलाइन लर्निंग प्लैटफॉर्म-कोर्सेरा के माध्यम से निःशुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 36 विभागों की 259 सेवाएं ऑनलाइन कर दी गयी हैं। राशन की दुकानों में ई-पॉस मशीनों के माध्यम से राशन वितरण कराया जा रहा है। इससे प्रत्येक वर्ष लगभग 1,200 करोड़ रुपए की बचत हो रही है। प्रदेश में स्थापित 60 हजार से अधिक कॉमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को सरकार की विभिन्न ऑनलाइन सेवाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है। जन-सुनवाई पोर्टल पर 1.5 करोड़ (98 प्रतिशत) तथा सी0एम0 हेल्पलाइन-1076 में करीब 65 लाख (98 प्रतिशत) शिकायतों के सफलतापूर्वक निष्पादन में सहायता मिली है। प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य, कृषि, समाज कल्याण इत्यादि विभागों की लाभार्थीपरक योजनाओं में लाभार्थियों को धन हस्तान्तरण अब डी0बी0टी0 के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खातों में किया जा रहा है। गन्ना किसानों की पर्चियों को तकनीक से जोड़कर ऑनलाइन कर दिया गया है। प्रत्येक गांव में बी0सी0 सखी को ऑनलाइन बैंकिंग से जोड़कर दूरस्थ क्षेत्रों में नागरिकों तक बैंकिंग सुविधाएं आसानी से पहुंचाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पुष्टाहार वितरण की निगरानी हेतु एक समेकित पोर्टल तथा कॉल सेंटर प्रारम्भ किया गया है। साथ ही, विकेन्द्रीकृत व्यवस्था के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अनुपूरक पुष्टाहार उपलब्ध कराया जा रहा है। सिंगल स्टेज परिवहन व्यवस्था के अन्तर्गत भारतीय खाद्य निगम के डिपो से सीधे उचित दर विक्रेताओं को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। जेम पोर्टल के माध्यम से सभी सरकारी सामग्री एवं सेवाओं की खरीद को अनिवार्य किया गया है। सेवाओं को जेम पोर्टल के माध्यम से प्राप्त करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। जेम पोर्टल पर 01 लाख से अधिक रजिस्टर्ड डीलर्स के माध्यम से सेवाओं एवं सामग्रियों की खरीदारी प्रक्रिया को पारदर्शी एवं भ्रष्टाचारमुक्त बनाते हुए लगभग 08 हजार करोड़ रुपए के क्रय आदेश निर्गत किये गये हैं। महत्वाकांक्षी जनपदों के रूपान्तरण कार्यक्रम के अनुरूप प्रदेश में 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों का चिन्हांकन किया गया है, जिनमें प्रगति का आंकलन महत्वाकांक्षी जनपदों के रूपान्तरण कार्यक्रम के अनुरूप किया जाना परिकल्पित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मस्तिष्क ज्वर जैसी गम्भीर बीमारी का प्रकोप प्रदेश में अब लगभग समाप्त हो चुका है। गत 4 वर्षों से अंतर्विभागीय समन्वय करते हुए स्वच्छता अभियान चलाकर एवं स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया गया, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2020 में मृतकों की संख्या में 90 प्रतिशत की अभूतपूर्व कमी आयी है। प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए प्रत्येक रविवार को ग्रामीण एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आयोजित मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों के माध्यम से अब तक 26 लाख 79 हजार रोगी लाभान्वित हुए तथा 66 हजार से अधिक गम्भीर रोगियों को उच्च केन्द्रों पर सन्दर्भित किया गया। आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 9,923 हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के लक्ष्य के सापेक्ष 7,175 (72 प्रतिशत) सेंटरों को क्रियाशील किया जा चुका है। एम्बुलेस सेवा के रिस्पॉन्स टाइम को 15-20 मिनट करने के लिए ‘108’ एम्बुलेंस सेवा का विस्तार करते हुए 2,200 एम्बुलेंस संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही 250 एडवान्स लाइफ सपोर्ट एम्बुलेस का निःशुल्क संचालन भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रमों एवं परीक्षाओं में एकरूपता लाने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। प्रदेश में वर्ष 2017 तक मात्र 12 जनपदों में राजकीय मेडिकल कॉलेजों/संस्थान संचालित थे तथा वर्तमान में 30 और जिलों में राजकीय मेडिकल कॉलेज/संस्थान का निर्माण कार्य प्रगति पर है। प्रदेश में उत्कृष्ट चिकित्सा शिक्षा हेतु गोरखपुर एवं रायबरेली जनपदों में एम्स स्थापित हैं। जनपद वाराणसी में भी एम्स की तर्ज पर चिकित्सा संस्थान स्थापित किया जा रहा है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में प्रदेश की प्रथम रोबोटिक सर्जरी की व्यवस्था की गई। सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु राजकीय मेडिकल कॉलेज गोरखपुर, झांसी, मेरठ व प्रयागराज में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक की स्थापना की गई तथा कानपुर व आगरा में स्पेशियलिटी ब्लॉक निर्माणाधीन हैं। योग एवं नैचुरोपैथी में उत्कृष्ट शोध को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक आयुष विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है। आयुष मिशन के माध्यम से भारत सरकार द्वारा स्वीकृत कुल 195 योग वेलनेस केन्द्र की स्थापना के सापेक्ष 183 योग वेलनेस केन्द्र क्रियान्वित किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के शुभारम्भ के पूर्व मात्र 1.9 प्रतिशत परिवार ही एफ0एच0टी0सी0 (फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन) से आच्छादित थे, जो अब बढ़कर 9.5 प्रतिशत तक पहुंच चुके हैं। इस अवधि में 25 लाख से अधिक एफ0एच0टी0सी0 दिए गए हैं। बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य के सम्पूर्ण क्षेत्र को पाइप पेयजल योजनाओं से आच्छादित करने हेतु 68 सतही जल आधारित परियोजनाओं में कार्य प्रारम्भ हो गया है। प्रधानमंत्री जी के संकल्प के अनुरूप वर्ष 2024 तक 100 प्रतिशत एफ0एच0टी0सी0 उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। किशोरी बालिका योजना प्रदेश के सभी 75 जनपदों में लागू की गई है। इसके अन्तर्गत वर्तमान में 11 से 14 वर्ष आयु की स्कूल न जाने वाली 02 लाख 04 हजार से अधिक किशोरियां लाभान्वित हुईं। आयरन की कमी तथा कुपोषण को दूर करने हेतु पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में जनपद चन्दौली में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत फोर्टीफाइड राइस का वितरण माह जनवरी, 2021 से प्रारम्भ कराया गया। चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के समस्त जनपदों में इसका वितरण कराया जाएगा।
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